हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक किसान ने स्टेट हाइवे के बीचों-बीच दीवार बना डाली। किसान की इस हरकत से रोड पर जाम लग गया और लोगों को आसपास के खेतों से होकर निकलना पड़ा। किसान का कहना है कि उसकी जमीन पर यह हाइवे बना है लेकिन कोर्ट में मुकदमा जीतने के बाद भी उसे मुआवजा नहीं दिया गया। इस घटना की सूचना मिलते ही नायाब तहसीलदार पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। किसान के न मानने पर उसको और उसके कुछ साथियों को हिरासत में ले लिया। रोचक बात है कि किसान के खेत में हाइवे 38 साल पहले बना था लेकिन मुआवजा अभी तक नहीं मिला है।


किसान बलविंदर सिंह मुआवजा न मिलने के कारण परेशान थे और उन्होंने हाइवे पर ही दीवार खड़ी करना शुरू कर दी थी। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि वह रास्ता बंद न करें लेकिन वह नहीं माना। किसान बलविंदर सिंह का कहना है कि अगर उन्हें जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया तो वह अपनी जमीन पर दोबारा कब्जा कर लेंगे। नायाब तहसीलदार और पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद जब वह नहीं माने तो पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया। इसके बाद हाइवे से ईंटे हटाई गईं और हाइवे पर लगा ट्रैफिक जाम खोला गया।

 

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क्या है पूरा मामला?

किसान बलविंदर सिंह का कहना है कि पीडब्ल्यूडी ने सन 1987 में उनकी जमीन पर सड़क बना दी थी। इस मामले में उन्होंने कोर्ट में मुआवजे के लिए अपील की थी और तीन बार कोर्ट से केस जीत चुके हैं। अभी तक उन्हें इसका मुआवजा नहीं मिला है। इसलिए परेशान होकर कब्जा करने का फैसला लेना पड़ा। बलविंदर सिंह ने बताया, 'मेरी 22 मरले जमीन पर पीडब्ल्यूडी ने बिना मुआवजा दिए सड़क बना दी। 2006 में सिविल कोर्ट में केस दायर किया। 2013 में पिहोवा कोर्ट ने आदेश दिया कि छह महीने में या तो किसान को मुआवजा दें या फिर सड़क को हटा लें।'

 

बलविंदर ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी जब उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला तो उन्होंने कोर्ट में दोबारा अपील की। 2018 में कोर्ट ने फिर से सरकार की आपत्तियां खारिज कर बलविंदर सिंह के पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद सरकार ने हाई कोर्ट में गई जहां फिर से बलविंदर सिंह को ही जीत मिली। 

पहले भी कर चुके हैं हाइवे बंद

बलविंदर सिंह ने बताया, '2023 में मैंने सड़क पर कब्जा लेने की कोशिश की। तब SDM ने कहा कि 2-4 दिन में मुआवजे का पैसा दे देंगे।' उनके आश्वासन पर बलविंदर सिंह ने सड़क से ईंटे हटा दी थी लेकिन फिर मुआवजा देने के बजाय प्रशासन फिर सो कोर्ट में चला गया। वहां से भी PWD को राहत नहीं मिली। बलविंदर सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह 11 बजे अपने साथियों के साथ डंपिंग जोन के पास सड़क पर ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर दीवार खड़ी कर दी। देखते ही देखते दोनों तरफ लंबा जाम लग गया। नायब तहसीलदार ने समझाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कहा कि वह अब कब्जा नहीं छोड़ेंगे।

 

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PWD विभाग अधिकारी क्या बोले?

PWD अधिकारी ऋषि सचदेवा ने बताया कि जब सड़क बनाने के लिए जमीन अधिग्रहीत की गई थी तब किसान को मुआवजा नहीं मिला था। जिस पर किसान ने कोर्ट में केस किया और उन्हें 5 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा मिला। बाद में किसान ने दोबारा अपील की, जिसमें कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाने के आदेश दिए। ऋषि सचदेवा ने कहा कि जो भी मुआवजा नियमों के तहत बनता है, वह दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि स्टेट हाइवे को बंद नहीं किया जाना चाहिए। किसान के हाइवे बंद करने पर किसी कार्रवाई किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विभाग टकराव नहीं बढ़ाना चाहता। वह चाहते हैं कि इस मामले को बातचीत के साथ सुलझाया जाए।