हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य में कहर बरपाया है। बादल फटने की कई घटनाओं में 13 लोगों की मौत हो गई और करीब 45 लोग लापता हो गए हैं। रेस्क्यू टीमों ने सैकड़ों लोगों को बचाया है। बारिश की वजह से हिमाचल में मकान, पुल और सड़कें बह गई हैं। राज्य इंमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि 261 सड़कें अवरुद्ध हैं, 599 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। साथ ही हिमाचल में 797 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

 

हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, बुधवार की तुलना में गुरुवार को स्थिति और खराब हो गई है। बुधवार को राज्य भर में 245 सड़कें बंद होने की सूचना मिली थी, जबकि 918 डीटीआर प्रभावित हुए थे और 683 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई थीं।

आपदा से भारी नुकसान

आपदा प्रबंधन एवं राजस्व विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने कहा, 'राज्य में अब तक बारिश की वजह से 300 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। लगभग 280 सड़कें अवरुद्ध हो गईं, 1100 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद हो गए और 600 जल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, लेकिन सभी जगहों पर बहाली का काम किया जा रहा है।'

 

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लोगों और मवेशियों की दर्दनाक मौत

इस बीच पीटीआई ने बताया है कि मंडी के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार को बादल फटने की दस घटनाएं सामने आई थीं, जिसकी वजह से तीन बार अचानक बाढ़ आई और एक स्थान पर भूस्खलन हुआ। अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार की सुबह दो रेस्क्यू में शव बरामद किए गए हैं। इसमें सात शव गोहर, पांच थुनाग और एक शव मंडी जिले के करसोग उपमंडल से बरामद किए गए हैं। 

 

 

बारिश से आई आपदा में हिमाचल में 150 से ज्यादा घर, 104 मवेशी शेड, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसमें कुल 162 मवेशी मारे गए, जबकि मंडी में 316 लोगों सहित 370 लोगों को बचाया गया है। बेघरों के लिए पांच राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।

सीएम सुक्खू का बेघरों को जमीन देने का वादा

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। सीएम सुक्खू ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि अगर आस-पास कोई सरकारी जमीन उपलब्ध है तो उसे उन लोगों को आवंटित किया जाएगा जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं।

 

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बारिश ने सबसे ज्यादा मंडी जिले को प्रभावित किया है। जिले में 186 सड़कें अवरुद्ध हैं और 580 जलापूर्ति योजनाएं पर असर पड़ा है। धर्मपुर, सेराज, थलौट और करसोग सब-डिविजन में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। अकेले गोहर सब-डिविजन में 258 बिजली ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंचा है जबकि सुंदरनगर में 559 जल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं।

कुल्लू- कांगड़ा और शिमला में हुए नुकसान

कुल्लू जिले के निरमंड और बंजार में 37 सड़कें अवरुद्ध होने की जानकारी है। साथ ही 15 ट्रांसफार्मर और 33 पानी की योजनाएं प्रभावित हैं। वहीं, हमीरपुर जिले में सड़कों को कम नुकसान पहुंचा है लेकिन जिले में  62 ट्रांसफार्मरों को नुकसान पहुंचा है और 144 जल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

 

कांगड़ा जिले में 12 सड़कें पूरी तरह से बंद हो गई हैं, हालांकि कई जल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। शिमला में कम नुकसान की जानकारी मिली है। राजधानी में तीन सड़कें, एक ट्रांसफार्मर और 12 जल योजनाएं प्रभावित हुईं। इसके अलावा सिरमौर में नौ सड़कें बाधित और 24 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। चंबा में नौ सड़कें पूरी तरह से बंद और छह ट्रांसफार्मरोंको नुकसान पहुंचा है। 

 

बारिश ने सबसे कम किन्नौर में प्रभावित किया है, जबकि लाहौल-स्पीति में मानसून से किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।