तेलंगाना की एक IAS अधिकारी के बयान पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है। IAS अधिकारी डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी ने कथिच तौर पर गुरुकुल के छात्रों को अपने हॉस्टल के कमरों और टॉयलेट को साफ करने के लिए कहा था। अब उनके इसी बयान पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने तेलंगाना के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और 15 दिन के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। एक हफ्ते पहले शुरू हुआ यह विवाद अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा है और IAS डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी पर कार्रवाई हो सकती है। 

 

तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशिएल एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस सोसायटी की सचिव डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी ने गुरुकुल स्कूल के छात्रों के बारे में अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है। यह पूरा मामला करीब एक हफ्ते पहले शुरू हुआ था, जब डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी की एक कथित ऑडियो वायरल हुई थी। उन्होंने कथित तौर पर स्कूल के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया था कि वे वेलफेयर हॉस्टल और क्लास में स्टूडेंट्स के रूटीन में टॉयलेट के कमरों की सफाई के काम को शामिल करें।

 

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ऑडियो वायरल होने के बाद विवाद

 

सोशल मीडिया पर एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है जिसके बाद यह पूरा विवाद शुरू हुआ। कथित ऑडियो में IAS अधिकारी ने अपने बयान को सही बताते हुए कहा कि ये छात्र बेहद गरीब परिवारों से आते हैं और उन्हें यह सीखना चाहिए कि घर पर रहते हुए भी वे अपना ख्याल कैसे रखें। इसमें डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'अगर उन्हें रोटी बनानी है, तो वे रोटी बनाएंगे। बहुत बढ़िया। उन्हें कमरे की सफाई करनी चाहिए। उनके कमरे कौन साफ ​​करेगा? एक बार, सफाई कर्मचारी करेगा, वे अपने टॉयलेट खुद क्यों नहीं साफ कर सकते? इसमें क्या गलत है। यह बच्चे का विकास है और मैं विलासिता नहीं दे सकता। फिर 11वीं और 12वीं क्लास के बाद बच्चा जाकर बैठ जाएगा, माता-पिता उनकी देखभाल करने के लिए नहीं होंगे। यह कहना कि मुझे खाना बनाना नहीं आता और मैं केवल पढ़ाई के बारे में जानता हूं, एक बेकार व्यक्ति के लिए सही नहीं है।'

 

BRS ने मुख्यमंत्री से पूछे सवाल?


डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी के बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद भी वह अपनी टिप्पणी पर माफी नहीं मांग रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गुरुकुल स्कूलों में स्टूडेंट्स को टॉयलेट साफ करने और अपने कमरे को साफ करने में कुछ भी गलत नहीं है। इस विवाद पर भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता डॉ आरएस प्रवीण कुमार ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने तेलगाना के मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि क्या उनके बच्चे उस स्कूल के टॉयलेट साफ कर सकते हैं जिसमें वे पढ़ रहे हैं।

 

RS प्रवीण कुमार ने डॉ. वीएस अलगु वर्षिणी को पद से हटाने की मांग करते हुए कहा कि वह गुरुकुल स्कूलों में पढ़ रहे दलित छात्रों के साथ भेदभाव कर रही हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'IAS अधिकारी डॉ. अलुगु वर्षिणी जी के ये आदेश बेहद अपमानजनक हैं और नौकरशाही में कई लोगों की मनुवादी मानसिकता को दिखाते हैं। वे ऐसे आदेशों पर सवाल उठाने वाले अभिभावकों को भी धमका रही हैं।'

 

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के कविता ने उठाए सवाल 


BRS एमएलसी कलवकुंतला कविता ने कांग्रेस को गरीब विरोधी बता दिया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कथित ऑडियो क्लिप शेयर करते हुए कहा, 'कांग्रेस सरकार का गरीब विरोधी रवैया समाज कल्याण गुरुकुल सोसाइटी के एक अधिकारी के इस चौंकाने वाले व्यवहार से झलकता है।' उन्होंने कहा कि BRS की सरकार के दौरान हर समाज कल्याण स्कूल को सफाई के काम के लिए चार अस्थायी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए 40 हजार रुपये हर महीने दिए जाते थे।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि इस साल मई से कांग्रेस सरकार ने इसे बंद कर दिया है। कविता ने आरोप लगाते हुए कहा, 'सरकार ने 240 स्कूलों में  बतौर सहायक देखभाल करने वाले कर्मियों की नियुक्ति भी समाप्त कर दी है, जिससे छात्रों को वार्डन की भूमिका निभाने और रसोई का प्रबंधन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अब अधिकारी बच्चों को स्कूलों में टॉयलेट साफ करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।'

 

IAS अधिकारी को हटाने की मांग

 

BRS नेता कविता ने कहा कि IAS अधिकारी का यह बयान हाशिए पर पड़े समुदायों के छात्रों को जाति और वर्ग के पक्षपात से बचाने के लिए गुरुकुल स्थापित करने के विचार के खिलाफ है। उन्होंने लिखा, 'यह व्यवहार भेदभावपूर्ण, शोषणकारी, बच्चों के अधिकारों और सम्मान के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह केवल रेवंत रेड्डी की सरकार के गरीब-विरोधी, दलित-विरोधी रवैये को दर्शाता है। मैं सरकार से मांग करती हूँ कि वह अधिकारी को हटाने के लिए तुरंत कदम उठाए और समाज कल्याण स्कूलों को ठीक से चलाने के लिए जरूरी फंड देना शुरू करे।'