स्वच्छता में नंबर-1 रहा मध्य प्रदेश का इंदौर अब भिखारियों को साफ करने जा रहा है। इंदौर को भिखारियों से मुक्त करने के लिए नया नियम लागू कर दिया गया है। अब अगर कोई व्यक्ति किसी को भीख देते हुए पाया जाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
क्या है नया नियम?
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इंदौर में भिखारियों को कुछ भी देने या कुछ भी खरीदने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। डीएम आशीष सिंह ने बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 के तहत केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब भिखारियों को भीख के रूप में कुछ भी देना या उनसे कुछ सामान लेना प्रतिबंधित होगा। उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति भीख मांगने वाले या भीख देने वाले की जानकारी देता है तो उसे 1 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा।
नियम तोड़ने पर कितनी सजा?
अगर कोई भी व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ BNS की धारा 163 के तहत केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल या 5 हजार रुपये के जुर्माने या दोनों की सजा का प्रावधान है। इसका मतलब हुआ कि कोई व्यक्ति भीख देते हुए पकड़ा जाता है तो उसे 1 साल की जेल या 5 हजार रुपये के जुर्माने या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
400 भिखारियों का पुनर्वास
इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए भिखारियों का पुनर्वास भी किया जा रहा है। महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि चार महीने में 400 भिखारियों को पुनर्वास के लिए एक आश्रय स्थल में भेजा गया है। साथ ही 64 बच्चों को देखरेख संस्थान पहुंचा गया है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के 10 शहरों को भिखारियों से मुक्त बनाने की योजना शुरू की है। इसमें इंदौर भी शामिल है।