झारखंड में हुए कथित शराब घोटाले के सिलसिले में राज्य के सीनियर आईएएस ऑफिसर विनय कुमार चौबे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विनय चौबे की गिरफ्तारी हुई है। एसीबी के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि एक टीम चौबे को अपने साथ एजेंसी के मुख्यालय ले गई थी।
उन्होंने बताया कि विनय चौबे को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। इससे पहले एसीबी ने आबकारी विभाग के सचिव के रूप में विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान शराब नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच शुरू की थी।
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सरकार ने FIR की परमिशन दी
झारखंड सरकार ने इससे पहले 1999 बैच के आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी। अधिकारी के मुताबिक एसीबी की एक टीम सुबह चौबे के आवास पर पहुंची थी और उन्हें पूछताछ के लिए एसीबी के मुख्यालय ले गई।
गजेंद्र सिंह से भी एसीबी ने पूछताछ की
उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी एसीबी ने पूछताछ की है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले की जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में विनय चौबे और गजेंद्र सिंह से जुड़े कई परिसरों पर छापे मारे थे।
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क्या है शराब घोटाले का पूरा मामला?
कथित शराब घोटाले का मामला 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारी और व्यापारी मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई, काम करने वाले लोगों की व्यवस्था और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ और लोगों ने अवैध कमाई की।