झारखंड के गढ़वा जिले में करीब एक महीने पहले स्कूल की प्रिंसिपल ने एक छात्रा को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया था और यह मामला सुर्खियों में रहा था। प्रिंसिपल ने पूरे स्कूल के सामने 12वीं क्लास की छात्रा दिव्या को सिर्फ इसलिए पीटा क्योंकि वह स्कूल के जूते नहीं, बल्कि चप्पल पहनकर स्कूल में आ गई थी। इस पिटाई के बाद लड़की डिप्रेशन में चली गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में करीब एक महीने उस लड़की का इलाज चला लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मंगलवार को इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई, जिसके बाद न्याय की मांग करते हुए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह घटना 15 सितंबर को हुई थी। 12वीं कक्षा की एक छात्रा दिव्या कुमारी स्कूल की असेंबली में चप्पल पहनकर शामिल हुई थी। स्कूल की प्रिंसिपल इन-चार्ज द्रौपदी मिंज ने कथित तौर पर नियमों का पालन न करने पर छात्रा को जमकर डांटा और थप्पड़ मार दिया। छात्रों ने बताया कि शुरुआत में वह छात्रा ठीक लग रही थी लेकिन बाद में वह डिप्रेशन की शिकार हो गई।
यह भी पढ़ें-- सावधान दिल्ली! हवा हुई जहरीली, 200 पार पहुंचा AQI, GRAP-1 लागू
इलाज के लिए ले जाया गया रांची
छात्रा की तबीयत खराब हुई तो पहले उसे डालटनगंज के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) रेफर कर दिया गया। करीब एक महीने छात्रा अस्पताल में भर्ती रही लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। मंगलवार 14, अक्टूबर को इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई। इस घटना से परिवार वाले और स्थानीय लोग गुस्सा हैं।
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
छात्रा की मौत के बाद गांव वाले गुस्सा हो गए और वे स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल द्रौपदी मिंज ने लड़की को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। प्रदर्शनकारी द्रौपदी मिंज की गिरफ्तारी की मांग करने लगे और उन्होंने मुख्य सड़क पर लड़की का शव रखकर जाम लगा दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और जाम खुलवाने की कोशिश करने लगी। लोग प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
यह भी पढ़ें-- सनातन विरोधी कहा तो लगाए 'जय श्रीराम' के नारे, कौन हैं CSP हिना खान?
घंटों लगा रहा जाम
लोग सड़क पर प्रदर्शन करते रहे और उन्होंने पुलिस प्रशासन से प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग की। हालांकि, पुलिस ने आश्वासन दिया कि मामले में उचित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। घंटो बाद पुलिस प्रशासन प्रदर्शनकारियों को मनाने में कामयाब रहा और जाम को खुलवाया गया। गांव वालों ने प्रिंसिपल के व्यवहार पर भी सवाल उठाए और कहा कि इस मामले में वही दोषी हैं। हालांकि, पुलिस जांच में जुट गई है और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद उचित कारर्वाई की जाएगी।