झारखंड हाई कोर्ट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जस्टिस राजेश कुमार और वकील महेश तिवारी के बीच तीखी बहस होती हुई दिख रही है। इस बहस के बाद हाई कोर्ट की पूर्ण बेंच ने वकील महेश तिवारी को आपराधिक अवमानना ​​का नोटिस जारी कर दिया है।

 

दरअसल, वकील महेश तिवारी ने सुनवाई के दौरान जज से कहा, 'मैं अपने तरीके से बहस करूंगा… किसी को अपमानित मत कीजिए… डोंट क्रॉसलिमिट।' इसके बाद कोर्ट ने उन्हें कंटेम्प्ट नोटिस जारी कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट की पांच जजों की बेंच करेगी। वकील ने कहा है कि उन्होंने कोर्ट में जो भी कहा वह पूरे होश में कहा।

5 जजों की बेंच करेगी सुनवाई

हाई कोर्ट की 5 जजों वाली बेंच में चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय, जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस राजेश शंकर शामिल थे। पीठ ने कोर्ट संख्या 1 में सुनवाई की और वकील महेश तिवारी के खिलाफ कार्यवाही शुरू की।

 

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'तीन हफ्ते में जवाब दें'

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने तिवारी को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। हालांकि, बार काउंसिल के चेयरमैन ने कहा कि ये ‘कोई गंभीर मामला नहीं’, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे न्यायपालिका की गरिमा से जोड़कर देख रहे हैं।

 

सुनवाई को दौरान चीफ जस्टिस की कोर्ट वकीलों से खचाखच भरी थी। सभी वकील अवमानना ​​की कार्यवाही देखने के लिए इकट्ठा हुए थे। कार्यवाही शुरू होने से पहले, 16 अक्टूबर को कोर्ट संख्या 24 में जस्टिस राजेश कुमार की अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की एक वीडियो रिकॉर्डिंग चीफ जस्टिस के सामने दिखाई गई।

 

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जस्टिस राजेश ने आपत्ति जताई

वीडियो में जस्टिस राजेश कुमार वकील की बहस शैली पर आपत्ति जताते नजर आ रहे हैं। जवाब में तिवारी कहते हैं, 'मैं अपने तरीके से दलील रखूंगा, आप किसी को नीचा मत दिखाइए।' इसके बाद कोर्टरूम में कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा और कई वकील बीच-बचाव के लिए उठ खड़े हुए।

 

इसके अलावा वीडियो रिकॉर्डिंग में वकील महेश तिवारी और जस्टिस राजेश कुमार के बीच तीखी बहस दिखाई गई। वकील तिवारी ने कहा था, 'देश जल रहा है, देश न्यायपालिका से जल रहा है।' झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने मामले में हस्तक्षेप किया और स्थिति को शांत करने का प्रयास किया।