कर्नाटक विधानसभा में पिछले दिनों कुछ ऐसा हुआ, जिससे पूरे राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं होने लगी। पिछले दिनों कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने विधानसभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रार्थना गा दी। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा और कांग्रेस असहज स्थिति में आ गई। अब इस मुद्दे पर ही कांग्रेस में दो फाड़ होते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस के एमएलसी बीके हरिप्रसाद ने इस कदम पर कड़ा ऐतराज जताते हुए शिवकुमार से माफी मांगने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि आखिर शिवकुमार किसे खुश करना चाहते हैं।


बीके हरिप्रसाद का कहना है कि डीके शिवकुमार राज्य कांग्रेस यूनिट के अध्यक्ष हैं और पार्टी के अध्यक्ष होने के नाते उनकी कुछ जिम्मेदारी है। कोई नेता अगर किसी संगठन का गीत गाता है तो हमें आपत्ति नहीं है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष होते हुए डीके शिवकुमार को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि कांग्रेस आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने डीके शिवकुमार को याद दिलाया कि आरएसएस को स्वतंत्र भारत में तीन बार बैन किया जा चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवकुमार का यह कदम गांधीजी की हत्या से जुड़े संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देने जैसा है।

 

यह भी पढ़ें: अकेली नहीं है निक्की? दहेज के लालच में हर दिन मर रही 18 महिलाएं!

क्या है पूरा विवाद?

4 जून को मची बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ पर विधानसभा में चर्चा हो रही थी। इस चर्चा मे उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज कर दिया और कहा कि वह अन्य राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों की कई खामियां बता सकते हैं। इसी चर्चा के डीके शिवकुमार ने आरएसएस की प्रार्थना की कुछ लाइनें सदन में गाई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया था। कांग्रेस के कई नेता भी इससे असहज दिखे। हालांकि, डीके शिवकुमार ने इसके बाद सफाई भी दी और बताया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता इससे असहज नजर आ रहे हैं। 

शिवकुमार ने दी सफाई

डीके शिवकुमार ने इस विवाद पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'उनसे (बीजेपी) हाथ मिलाने का मेरा कोई प्लान नहीं है। मैं एक सच्चा कांग्रेसी हूं। मैं जनता दल और भाजपा पर शोध कर रहा हूं। मैंने आरएसएस के बारे में भी जानकारी हासिल की है।'

 

उन्होंने सोशल मीडिया पर भी एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, 'मैं आजीवन कांग्रेसी हूं। मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं, मेरा खून, मेरा जीवन, सब कुछ यहीं है। मैं अपने दोस्तों को जानता हूं और अपने विरोधियों को भी, और मैं उन्हें अपनी सोच की स्पष्टता से समझता हूं। आरएसएस और बीजेपी को अपने इतिहास और संबंधों पर विचार करना चाहिए लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि मैं केवल कांग्रेस के साथ हूं। मैं पूरे तन-मन से कांग्रेस पार्टी के लिए जिऊंगा और नेतृत्व करूंगा।'

कांग्रेस एमएल ने भी पढ़ी प्रार्थना

इस विवाद के बीच, कर्नाटक सरकार के मंत्री एचसी महादेवप्पा और विधायक तनवीर सैत ने शिवकुमार का बचाव किया। महादेवप्पा ने कहा कि आरएसएस गीत गाने का मतलब यह नहीं कि शिवकुमार बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता), लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करेगी और किसी भी तरह के धार्मिक उग्रवाद का विरोध करेगी।

 

कांग्रेस के एक विधायक डीके शिवकुमार का बचाव करते हुए खुद आरएसएस की प्रार्थना गाने लगे। कांग्रेस विधायक एच डी रंगनाथ ने भी रविवार को आरएसएस के प्रार्थना की कुछ लाइन गा दी और इसकी तारीफ भी कर दी। उन्होंने कहा कि शिवकुमार के गाने के बाद उन्होंने भी यह प्रार्थना सुनी और यह बहुत अच्छी है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। 

 

यह भी पढ़ें: गिनी की पटरियों पर दौड़ेगा बिहार में बना रेल इंजन, पहली खेप रवाना

कांग्रेस में दिखी तकरार

कर्नाटक में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से पार्टी में अक्सर मतभेद दिख जाता है। अब इस मुद्दे पर भी पार्टी असमंजस में दिख रही है। कुछ नेताओं को शिवकुमार के आरएसएस की प्रार्थना गाने से कड़ी आपत्ति है तो कुछ नेता इसे सामान्य घटना बताकर टालने की कोशिश कर रहे हैं। इस पूरे विवाद से राज्य की राजनीति में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस के नेता आरएसएस के साथ नजदीकी दिखाने की कोशिश तो नहीं कर रहे। इस पूरे विवाद ने कांग्रेस को एक असहज स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है।