केरल की एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशन कोर्ट ने सोमवार को मलयालम फिल्मों के मशहूर ऐक्टर दिलीप को साल 2017 के बड़े अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया। इस मामले में दिलीप पर आरोप था कि उन्होंने साजिश रची और गुंडों को पैसे देकर एक ऐक्ट्रेस का अपहरण करवाया और उससे यौन उत्पीड़न करवाया। लेकिन अदालत ने कहा कि इसके लिए कोई पक्का सबूत नहीं मिला।

 

हालांकि अदालत ने मुख्य आरोपी सुनील एन.एस. ऊर्फ पल्सर सुनी और उसके साथी मार्टिन एंटनी, मणिकंदन, विजेश, सलीम और प्रदीप  कुल छह लोगों को दोषी ठहराया। इनकी सजा पर अब 12 दिसंबर को सुनवाई होगी। जज हनी एम. वर्गीस ने सुबह 11 बजे यह फैसला सुनाया।

 

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रास्ते में हुआ था अपहरण

17 फरवरी 2017 की रात तमिल-तेलुगु-मलयालम फिल्मों में काम करने वाली एक ऐक्ट्रेस का त्रिशूर से कोच्चि जाते समय रास्ते में अपहरण कर लिया गया था। कथित रूप से आरोपियों ने उनकी गाड़ी को रोका, जबरदस्ती अंदर घुसे, दो घंटे तक यौन उत्पीड़न किया और वीडियो भी बनाया। बाद में एक व्यस्त इलाके में उन्हें छोड़कर भाग गए थे।

 

फैसले के बाद दिलीप ने मीडिया से कहा, 'सबसे पहले मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। सच की जीत हुई है। इस केस में असली साजिश मेरे खिलाफ थी। मेरी पूर्व पत्नी मंजू वारियर ने कहा था कि इस के पीछे कोई बड़ी साजिश है और उसकी जांच होनी चाहिए। उसी दिन से मेरे खिलाफ षड्यंत्र शुरू हो गया। कुछ पुलिस अधिकारियों ने जेल में बंद मुख्य आरोपी सुनी और बाकी आरोपियों की मदद ली, झूठी कहानी बनाई और कुछ मीडिया वालों के जरिए उसे फैलाया। आज अदालत में वह सारी झूठी कहानी ढह गई। मेरा करियर, मेरी इज्जत और मेरा पूरा जीवन बर्बाद करने की कोशिश की गई थी।’

कुल 10 आरोपी थे

इस मुकदमे में कुल 10 आरोपी थे। पुलिस ने पहले सात लोगों पर चार्जशीट दाखिल की थी। बाद में जेल से मिली एक कथित चिट्ठी के आधार पर दिलीप को भी आरोपी बनाया गया और जुलाई 2017 में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें अक्टूबर 2017 में जमानत मिली थी।

 

जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी सुनी ने कथित तौर पर जेल से दिलीप को एक पत्र भेजा था, जिसके बाद 10 जुलाई 2017 को ऐक्टर को गिरफ्तार किया गया था। दिलीप को सात अक्टूबर 2017 को जमानत मिल गई थी। इस मामले में बरी किए जाने के बाद ऐक्टर दिलीप ने सोमवार को कुछ पुलिस अधिकारियों और मीडिया के एक वर्ग पर आरोप लगाया कि वे ऐक्ट्रेस के यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने के लिए उनके खिलाफ ‘साजिश’ रच रहे हैं ताकि उनका करियर बर्बाद किया जा सके। दिलीप ने आरोप लगाया कि मामले में आरोपी बनाने के लिए ‘असली साजिश’ तो उनके खिलाफ रची गई।

2018 से चल रहा मुकदमा

मुकदमा 2018 से चल रहा था। 261 गवाहों से पूछताछ हुई, जिनमें कई बड़े फिल्मी सितारे भी थे। 28 गवाह मुकर गए। दो अभियोजक इस्तीफा दे चुके हैं। पीड़िता ऐक्ट्रेस कई बार ऊपरी अदालत गईं, लेकिन जज नहीं बदले गए। कुल 833 दस्तावेज और 142 सबूत सरकारी पक्ष ने पेश किए, जबकि बचाव पक्ष ने 221 दस्तावेज दिए।

 

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केरल की सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेगी ताकि पीड़िता को पूरा न्याय मिल सके। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दिलीप को राहत मिली है।