फिल्म मेकर विक्रम भट्ट मुसीबत में फंस गए हैं। उदयपुर पुलिस ने राजस्थान में दर्ज 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में रविवार को फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है।
अधिकारी ने बताया कि विक्रम, उनकी पत्नी श्वेतांबरी और छह अन्य पर इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक और उदयपुर निवासी डॉ. अजय मुर्डिया से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। उन्होंने बताया कि इस मामले में पहले दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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पुलिस ने विक्रम और उनकी पत्नी को किया गिरफ्तार
अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच कर रही उदयपुर पुलिस की एक टीम ने रविवार को विक्रम और श्वेतांबरी को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने बताया, 'इंदिरा आईवीएफ अस्पताल के मालिक मुर्डिया अपनी दिवंगत पत्नी पर बायोपिक बनाना चाहते थे। मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि उनसे 200 करोड़ रुपये की कमाई का वादा किया गया था लेकिन किसी तरह का काम नहीं किया गया। इसके बाद मुर्डिया ने उदयपुर के भोपालपुरा पुलिस थाने का रुख किया, जहां धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।’ बाद में शाम को उदयपुर पुलिस ने विक्रम और उनकी पत्नी की 9 दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड हासिल कर ली।
फिल्म बनाने के नाम पर हुई ठगी
दंपति के वकीलों राकेश सिंह और संजय सिंह ने दावा किया कि राजस्थान पुलिस ने बिना उचित अनुमति के दोनों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया है। उन्होंने दावा किया कि दंपति को धमकाया गया और बिना तारीख व समय वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि विक्रम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फिल्म निर्माण से भारी मुनाफे का प्रलोभन और झूठा आश्वासन देकर उन्हें धोखा दिया।
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9 दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड पर रहेंगे विक्रम
पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डॉ. मुर्डिया को आरोपी से एक परिचित ने मिलवाया था और उनकी दिवंगत पत्नी के जीवन पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव दिया था। दंपति के वकीलों ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी के कारणों के बारे में आरोपियों को ठीक से नहीं बताया गया। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें बिना तारीख और समय वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। बचाव पक्ष ने दावा किया कि पुलिस ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने उनकी इच्छा के अनुसार दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए तो वे राजस्थान में उन्हें प्रताड़ित करेंगे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने नौ दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड की अनुमति दे दी।