पश्चिम बंगाल में एक महिला को उसके पति ने अस्पताल में अकेला छोड़ गया। महिला का आधा शरीर चलना बंद कर चुका है जिससे परेशान होकर पति ने ऐसा कदम उठाया। मामला कोलकाता के अपोलो मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का है, जहां यह महिला सितंबर 2021 से भर्ती है। अस्पताल ने अदालत में याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि महिला के इलाज का खर्च उसकी बीमा राशि से अधिक हो गया है और वर्तमान में बकाया राशि लगभग 1 करोड़ रुपये है। महिला के पति ने अदालत में कहा कि वह आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं हैं कि अपनी पत्नी की देखभाल कर सकें। 

 

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पूरा मामला समझें

महिला को 2021 में सिर पर चोट लगी थी जिसके बाद उसकी न्यरोसर्जरी समेत कई सर्जरी हुई। वह बच तो गई लेकिन उसका आधा शरीर लकवा मार गया। स्थिर हालत होने के बाद भी पति जयप्रकाश गुप्ता ने महिला को घर ले जाने से मना कर रहा है।

 

जब पति की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो अस्पताल मई 2024 में पश्चिम बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन के पास पहुंची जिसके बाद अस्पताल अदालत गई। जस्टिस अमृता सिन्हा ने गुप्ता से सवाल किया कि वह अपनी पत्नी की देखभाल क्यों नहीं कर सकता? इसपर गुप्ता ने कहा कि उसकी कमाई केवल एक दुकान से आती है और उसके पास पत्नी का ख्याल रखने के लिए कोई और नहीं। जस्टिस सिन्हा ने 9 अप्रैल को पेश होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गुप्ता को भी हाजिर होने को कहा है। 

 

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इलाज के लिए बीमा राशि का खर्च कितना?

ऐसे तो अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसियों में सुम इंश्योर्ड की लिमिट होती है। आमतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी 3 लाख से 1 करोड़ तक की कवरेज देती हैं। वहीं, कुछ कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में कवरेज ज्यादा हो सकता है।

 

कौन-कौन से खर्च कवर होते हैं?

बीमा कंपनियां अस्पताल में भर्ती खर्च, ICU और सर्जरी खर्च, डॉक्टर की फीस, प्री-हॉस्पिटलाइजेशन और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन खर्च और कुछ मामलों में होम केयर ट्रीटमेंट की भी व्यवस्था देती है।