अगर आप दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं तो स्वाभाविक सी बात है कि तीर्थराज प्रयाग की ऐतिहासिकता, महत्ता और महाकुंभ के बारे में आधुनिकता के साथ उन तमाम जानकारियां को जानने की जिज्ञासा होगी जो अछूती है। कुछ विशेष लोगों को इसके बारे में अध्ययन करने की भी अभिलाषा होगी ऐसे में राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय महाकुंभ 2025 में एक बड़ा अवसर उपलब्ध करा रहा है। महाकुंभ पर प्रारम्भ किया गया यह कोर्स भारत की आध्यात्मिक धरोहर को गहराई से जानने में मदद करेगा। 

 

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने महाकुंभ के महत्व और भव्यता दिव्यता को लेकर कुम्भ अध्ययन पर 6 माह का सर्टिफिकेट कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें एडमिशन लेने के लिए आपको कहीं भटकना नहीं है। आप राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं। इसके साथ ही सेक्टर 7 में अनंत माधव मार्ग पर राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिविर में भी अपना नामांकन करवाकर संबंधित पाठ सामग्री को निशुल्क प्राप्त कर सकते हैं। इस छह महीने के कुंभ अध्ययन सर्टिफिकेट कोर्स का लाभ देश भर में लोग उठा सकते हैं। खासकर इसका विशेष लाभ महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को मिलेगा। विश्वविद्यालय ने इससे संबंधित पाठ्य सामग्री ऑनलाइन कर दी है।

 

कोर्स में क्या है?

 

राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय के इस अनूठे अभियान की सराहना की है। साथ ही उप कुलपति से कुंभ अध्ययन सर्टिफिकेट कोर्स को लेकर अधिक से अधिक लोगों को जानकारी देने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया। 

 

बता दें कि इस कोर्स का निर्माण विद्वान लेखक मंडल द्वारा मात्र डेढ़ महीने में किया गया और पाठ्य सामग्री तैयार होते ही जनवरी 2025 में यह कार्यक्रम लॉन्च कर दिया गया। कोर्स का उद्देश्य नई पीढ़ी को कुम्भ की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। महाकुंभ 2025 के इस सर्टिफिकेट कोर्स में साधु-संतों के पारंपरिक शाही स्नान से जुड़ी जानकारी शामिल की गई है। इसके अलावा महाकुंभ के दौरान आयोजित होने वाले उत्सवों और उनकी विशेषताओं को भी शामिल किया गया है। कोर्स में महाकुंभ के इतिहास का बखूबी वर्णन किया गया है। युवा पीढ़ी इस कोर्स में कुम्भ और कल्पवास के फायदे और महत्व के बारे में भी अध्ययन कर सकेगी।

 

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि विश्वविद्यालय महाकुंभ क्षेत्र में कुंभ अध्ययन में प्रमाण पत्र कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगों को प्रवेश दिलाने के लिए प्रचार अभियान शुरू है। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत मेला शिविर कार्यालय से ही प्रारंभ हुई और विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को प्रवेश लेने के लिए प्रेरित किया गया जिसके अंतर्गत ऑन द स्पॉट प्रवेश लेने वालों में दूरदर्शन एवं आकाशवाणी के पूर्व निदेशक एस सी मिश्र पहले विद्यार्थी बने। शिविर में पहले दिन ही ऑन द स्पॉट 100 से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण के लिए अपना नाम दर्ज कराया। जिनमें विश्वविद्यालय की प्रथम महिला सीमा सत्यकाम तथा विश्वविद्यालय के चिकित्सक परामर्शदाता डॉ शशि कुमार शर्मा प्रमुख रूप से हैं।

 

6 महीने का होगा कोर्स

 

कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय ने कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में पहली बार कुंभ अध्ययन में प्रमाण पत्र कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसमें महाकुंभ से संबंधित सभी जानकारियां समाहित की गई हैं। महाकुंभ आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को इसमें प्रवेश लेना चाहिए जिससे उन्हें कुंभ के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया का ध्यान प्रयागराज के महाकुंभ पर लगा है। ऐसे में मुक्त विश्वविद्यालय ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए सभी श्रद्धालुओं खासकर जो विशेष जिज्ञासा रखते हैं के लिए 6 महीने का यह प्रमाण पत्र कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसमें कुंभ के आयोजन से लेकर सभी तथ्यों को समाहित गया है। साथ ही कुंभ अध्ययन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के बाद विश्वविद्यालय की तरफ से उन्हें एक विशिष्ट प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। 

 

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर के नोडल अधिकारी डॉ अनिल कुमार सिंह भदौरिया इस प्रमाण पत्र कार्यक्रम से संबंधित जानकारी महाकुंभ में सभी सेक्टर में श्रद्धालुओं को कुंभ गाइड के माध्यम से पैम्फलेट वितरित करवा कर रहे हैं। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने आगे बताया कि दूरस्थ शिक्षा जागरूकता शिविर में विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सहायता शिविर भी लगा है। जिसमें श्रद्धालुओं के लिए विश्वविद्यालय के चिकित्सक मौजूद हैं।

 

वहीं विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने और जानकारी बढ़ाते हुए बताया कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के इस एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय ने 2019 में कुंभ पर जागरूकता पाठ्यक्रम शुरू किया था। जिसमें कुम्भ की विशेषताओं के साथ-साथ योग के विषय को भी शामिल किया गया था। इस कोर्स की लांचिंग के बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विजिट करने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। कुम्भ अध्ययन प्रमाण पत्र में प्रवेश लेने वालों की रुचि को देखते हुए कुलपति ने आईसीटी सेल को वेबसाइट की क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया है।