हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शुक्रवार को थानेसर नगर परिषद की हाउस मीटिंग हंगामे की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पार्षद प्रतिनिधि के बीच हाथापाई हो गई। बैठक में किसी बाहरी व्यक्ति, पार्षद प्रतिनिधि और मीडिया की एंट्री बैन थी लेकिन जैसे ही बैठक शुरू हुई, ये लोग पहुंच गए। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि किस हैसियत से बीजेपी पार्षद के प्रतिनिधि नरेंद्र शर्मा निंदी बैठक में शामिल हुए हैं, जबकि उनके बैठने को लेकर पहले ही शर्तें तय की जा चुकी हैं।
नरेंद्र शर्मा और अशोक अरोड़ा में इसी बात को लेकर कलह शुरू हो गई। पहले गाली-गलौज तक ही मामला था, फिर हाथापाई हुई। नरेंद्र शर्मा का तर्क था कि पहले जब भी ऐसी बैठकें हुई हैं, तब पार्षद प्रतिनिधि बैठते रहे हैं, इसलिए वह बाहर नहीं जाएंगे। अशोक अरोड़ा ने कहा कि आपके पास बैठने का हथियार ही नहीं है। दोनों नेताओं में इस बात पर ही गाली-गलौज होने लगी।
बैठक में ही हो गई हाथापाई, कुरुक्षेत्र में सियासत पर कलह!
दोनों अपनी कुर्सियों से उठे, एक-दूसरे को मारने के लिए दौड़े और जमकर हाथापाई हुई। जब मामले ने तूल पकड़ा तो बात सुरक्षाकर्मियों तक पहुंची। वे भगकर आनन-फानन में आए और अशोक अरोड़ा को किसी तरह से बाहर निकाला। नगर निगम की बैठक के बाद दो थानों की पुलिस पहुंची। कृष्णा गेट से कुछ पुलिसकर्मी आए, वहीं सुभाष मंडी चौकी से भी पुलिसकर्मी पहुंचे। किसी तरह पुलिस ने दोनों के बीच बीच-बचाव किया। अब अशोक अरोड़ा ने इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी है।
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क्या आरोप लगा रहे हैं अशोक अरोड़ा?
अशोक अरोड़ा का कहना है कि सुभाष सुधा के इशारे पर हमला हुआ है। सुभाष पूर्व मंत्री हैं। बैठक में सुभाष के 10 साल मंत्री रहने के दौरान अशोक अरोड़ा ने नगर परिषद में हुए घटाले कथित घोटाले से जुड़ा केस, ग्रीवांस कमेटी में उठाया। इसी पर हंगामा बरपा। उन्होंने कहा कि यह पूर्व नियोजित हमला है। उनके सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह वहां से उन्हें बाहर निकाला।
क्या चाहते हैं अशोक अरोड़ा?
- हाउस की बैठक में सुरक्षा की गारंटी मिले
- जिन लोगों ने हंगामा किया है, उन्हें सजा मिले
- पुलिस पूरे प्रकरण की जांच करे
- अगर कार्रवाई नहीं हुई तो विधानसभा स्पीकर से मुलाकात
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नरेंद्र शर्मा निंदी के आरोप क्या हैं?
नरेंद्र शर्मा के आरोप चुनाव से जुड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि अशोक अरोड़ा उन्हें चुनाव में हराने के लिए अलग-अलग 3 उम्मीदवारों को उतार दिया था। उनका कहना है कि वह 5 में 5 नगर निगम चुनाव जीते हैं। राजनीतिक जलन की वजह से अशोक अरोड़ा ने हंगामा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अशोक अरोड़ा के लिए उन्होंने लड़ाइयां लड़ी हैं। निंदी का कहना है कि अशोक अरोड़ा ने बीजेपी न जॉइन करने के लिए 25 लाख रुपये का ऑफर किया था। वह खरीदना चाहते हैं।
बैठक का क्या हुआ?
नगर परिषद की बैठक स्थगित कर दी गई है। नगर निगम ने इसके प्रकरण में आदेश भी जारी किया है।
नेताओं ने क्या कहा है?
सीनियर कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, 'अशोक अरोड़ा के साथ बीजेपी नेताओं द्वारा किया गया दुर्व्यवहार अत्यंत निंदनीय कदम है। लोकतंत्र में यह व्यवहार बिलकुल बर्दाश्त नहीं है। भाजपा नेता घमंड, अहंकार और गुंडागर्दी पर उतर आए हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।'