मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना में 8 लोगों की मौत हो गई। मामला खंडवा जिले के छैगांवमाखन क्षेत्र के कोंडावत गांव की है। दरअसल, गणगौर के मौके पर पुराने कुंए की सफाई के लिए एक व्यक्ति कुएं में उतरा था जिसे बचाने के लिए एक-एक करके सात और लोग लगातार कुएं में उतरते चले गए और कुएं के अंदर दलदल में फंस गए। कुएं में जहरीली गैस निकल रही थी जिसकी वजह से उन सभी आठ लोगों की जान चली गई। घटना छैगांवमाखन की इंदौर-इच्छापुर राष्ट्रीय राजमार्ग की है।

 

इस दुर्घटना पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सभी आठ व्यक्तियों के मृत्यु का समाचार मिला है। 

 

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पुलिस प्रशासन मौजूद

सीएम ने कहा कि घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस प्रशासन, होम गार्ड्स एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा ज्वाइंट रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। सभी मृतकों के परिवारजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।

 

 

पांच शव बरामद

मौके पर पहुंची पुलिस टीम की अगुवाई कर रहे खंडवा के एसपी ने कहा, 'आठ लोगों के डूबने की आशंका है, पांच शव बरामद किए गए हैं। हम दो और शव जो हमें दिख रहे हैं, उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इस ऑपरेशन में SDRF, पुलिस और प्रशासन और ग्रामीण सभी सहयोग कर रहे हैं। हम उन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।'

 

उन्होंने कहा, 'शुरुआती जानकारी के अनुसार, गणगौर माता का विसर्जन होना है। परंपरागत रूप से, यह गांव के बीच में स्थित इस कुएं में किया जाता है। तीन लोग इसे साफ करने के लिए कुएं में उतरे थे, जब वे डूबने लगे, तो उन्हें बचाने के लिए पांच और लोग उतरे। दुर्भाग्य से, वे सभी अंदर फंस गए।'

 

 

क्या बोले जिलाधिकारी

खंडवा के जिलाधिकारी ऋषव गुप्ता ने कहा, 'सफाई के लिए कुएं में कुछ लोग गए थे, लेकिन शायद कुछ सल्फाइड या फिर मीथेन जैसी गैस कुएं में बनी है, जिसकी वजह से लोगों के डूबने की आशंका हुई थी। पता किया गया तो लगभग 8 लोग मिसिंग थे। पुलिस प्रशासन, होम गार्ड, एसडीआरएफ का एक ज्वाइंट ऑपरेशन यहां पर चलाया गया।'

 

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पहले खुद ही बचाने की कोशिश

गुरुवार को जब आठों लोग कुएं में उतर गए और वे फंस गए तो गांव वालों ने पहले अपने स्तर से उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन जब उनसे बचाव कार्य नहीं हो पाया तो उन्होंने प्रशासन को बुलाया साथ ही पुलिस प्रशासन को भी सूचित किया।

जैसे ही इस घटना की सूचना मिली वैसे ही प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया और एसडीआरएफ की 15 सदस्यीय टीम के साथ मौके पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।