पुरानी मस्जिदों का क्या होगा? वक्फ बिल पर विवाद क्यों? समझिए
वक्फ (संशोधन) बिल को आज लोकसभा और कल राज्यसभा में पेश किया जाएगा। हालांकि, इस बिल का जमकर विरोध हो रहा है लेकिन नंबरगेम में सरकार आगे है और बिल आसानी से पास हो जाएगा। ऐसे में जानते हैं कि इस बिल में ऐसा क्या है कि इस पर इतना विवाद हो रहा है?

वक्फ बिल का विरोध करते लोग। (Photo Credit: PTI)
विवादों के बीच वक्फ (संशोधन) बिल बुधवार को लोकसभा में पेश होगा। बिल पेश होने के बाद इस पर 8 घंटे की चर्चा होगी। हालांकि, विपक्ष ने 12 घंटे चर्चा की मांग रखी थी। इस बिल को बुधवार को ही पास होने की संभावना है।
वक्फ बिल पर शुरू से ही हंगामा हो रहा है और संसद में पेश होने पर भी इस पर जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर अगले तीन दिन तक संसद में मौजूद रहने को कहा है। बीजेपी के बाद एनडीए की 4 सबसे बड़ी पार्टियां- टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना और एलजेपी (रामविलास) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार का समर्थन करने को कहा है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है।
विपक्ष का आरोप है कि इस बिल से मुस्लिम समुदाय को नुकसान होगा। वहीं, सरकार का तर्क है कि यह पुराने सिस्टम को और मॉडर्न बना देगा।
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संसद, JPC और अब फिर संसद
वक्फ बिल को पहली बार पिछले साल अगस्त में संसद में पेश किया गया था। बाद में विपक्ष के विरोध के चलते इसे संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेजा गया था। बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली समिति ने 13 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। मोदी कैबिनेट ने इस रिपोर्ट को 19 फरवरी को मंजूरी दे दी थी।
समिति ने एनडीए सांसदों की ओर से सुझाए गए 14 बदलावों को मंजूर कर लिया था। विपक्ष का आरोप है कि उसने 44 बदलावों की सिफारिश की थी, जिसे समिति ने खारिज कर दिया था। विपक्षी सांसदों ने असहमति नोट भी दिए थे।
संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर नया बिल तैयार किया गया है। इस बिल को बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि बिल को इसी सत्र में पास करा लिया जाए।
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मगर वक्फ बिल पर आपत्ति क्या है? 7 पॉइंट्स
- वक्फ की शर्तः मौजूदा कानून में कोई शर्त नहीं थी। इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति वक्फ कर सकता था। प्रस्तावित बिल में प्रावधान है कि वही व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ को दे सकता है, जो कम से कम 5 साल से इस्लाम को मान रहा हो।
- वक्फ बाय यूजर खत्मः प्रस्तावित बिल में 'वक्फ बाय यूजर' को खत्म कर दिया गया है। अब तक यह होता था कि अगर किसी संपत्ति पर सालों से मस्जिद या मदरसा बना है तो वह वक्फ की होगी। मगर अब ऐसी संपत्ति वक्फ की तभी मानी जाएगी, जब इसके वैध दस्तावेज होंगे।
- वक्फ की संपत्तिः अब तक मस्जिद समेत इस्लामिक काम में इस्तेमाल होने वाली संपत्ति खुद-ब-खुद वक्फ की हो जाती थी। मगर अब जब तक संपत्ति दान नहीं की गई होगी, तब तक वह वक्फ की संपत्ति नहीं कहलाएगी। भले ही उस पर मस्जिद ही क्यों न बनी हो।
- संपत्ति का सर्वेः अभी वक्फ की संपत्ति का सर्वे करने का अधिकार सर्वे कमिश्नर या एडिशनल कमिश्नर के पास है। मगर प्रस्तावित बिल में सर्वे का अधिकार जिला कलेक्टर को मिल गया है। अब कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसका फैसला वक्फ बोर्ड नहीं कर सकेगा।
- प्रशासनिक ढांचाः अब तक वक्फ बोर्ड में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के सदस्य ही होते थे। प्रस्तावित बिल के मुताबिक, वक्फ बोर्ड में अब दो महिलाओं के साथ दो गैर-मुस्लिमों को भी सदस्य बनाया जाएगा। सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम और दो महिला सदस्य होंगी।
- अपील का अधिकारः मौजूदा कानून के मुताबिक, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है तो ट्रिब्यूनल में ही उसकी अपील की जा सकती थी। अब ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में भी अपील की जा सकती है।
- आखिरी फैसलाः अब तक वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को ही आखिरी माना जाता था। उसे चुनौती नहीं दी जा सकती थी। प्रस्तावित बिल में वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का प्रावधान किया गया है।
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पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा कानून
वक्फ बिल अगर पास होता है और कानून बनता है तो इसे पुरानी तारीख से लागू नहीं किया जाएगा। इसका मतलब हुआ कि पुरानी मस्जिद, दरगाह, मदरसे या इस्लामिक संस्थान से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
संसद का नंबर गेम क्या है?
- लोकसभाः वक्फ बिल के पक्ष में एनडीए की 13 पार्टियां हैं। इनके पास 289 सांसद हैं। विरोध में इंडिया ब्लॉक की 15 पार्टियों के 223 सांसद हैं। ऐसे में लोकसभा में यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।
- राज्यसभाः 245 सीटों में से 9 सीटें अभी खाली हैं। इस तरह से राज्यसभा में अभी 236 सांसद हैं। राज्यसभा से इस बिल को पास कराने के लिए 118 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। एनडीए के पास 125 सांसद हैं।
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आगे की राह क्या?
बुधवार को यह बिल लोकसभा में पेश होगा। इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय मिला है। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है।
मगर किसी भी हाल में इस बिल को बुधवार को ही लोकसभा से पास कराना जरूरी है। क्योंकि, इसके बाद इसे गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संसद का यह सत्र 4 अप्रैल तक है। ऐसे में राज्यसभा से 4 अप्रैल तक पास कराना होगा। दोनों सदनों से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बनेगा।
क्या होता है वक्फ?
इस्लाम को मानने वाला कोई व्यक्ति जब अल्लाह या मजहब के नाम पर कोई संपत्ति देता है तो उसे वक्फ की संपत्ति कहा जाता है। एक बार जो संपत्ति वक्फ की हो गई, वो हमेशा के लिए वक्फ की ही रहती है।
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है 'ठहरना'। वक्फ की संपत्ति को न तो खरीदा जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है। मुसलमान मानते हैं कि वक्फ की संपत्ति का मालिक सिर्फ अल्लाह ही होता है।
अब तक इस्लाम को मानने वाला व्यक्ति चल या अचल संपत्ति वक्फ कर सकता था। मगर नए बिल के मुताबिक, वक्फ के लिए संपत्ति दान करते वक्त बताना होगा कि वो 5 साल से इस्लाम को मान रहा है। संपत्ति दान करने वाले को 'वाकिफ' और इसका प्रबंधन करने वाले को 'मुतवल्ली' कहा जाता है।
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