महाकुंभ नगर क्षेत्र पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के बजाय अब भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ती जा रही है। सड़क मार्ग के साथ ही प्रयाजराज आने वाली ट्रेनों से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालुओं के आने-जाने का आलम यह है कि प्रयागराज जंक्शन पहुंचने वाली ट्रेनों को बाहरी स्टेशनों पर रोकना पड़ रहा है। महाकुंभ 2025 को लेकर रेलवे विभाग पूर्व में चल रही ट्रेनों के अतिरिक्त सैकड़ों अतिरिक्त मेला स्पेशल ट्रेन चल रहा है लेकिन श्रद्धालुओं के उमड़े जनसमुदाय को देखते हुए यह भी काफी कम लग रही है।

प्रयागराज जंक्शन और शहर की बाहरी स्टेशन जैसे सूबेदारगंज छिवकी झूंसी,फाफामऊ और प्रयाग स्टेशनों पर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण का दबाव बना हुआ है। प्रयागराज जंक्शन पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जानसेनगंज, लीडर रोड की तरफ स्टेशन जाने रास्ते को डायवर्ट किया है। बैरिकेड कर भीड़ को खुल्दाबाद की ओर स्टे कराया जा रहा है। पुलिस और आरपीएफ के आला अधिकारी खुद कमान संभाल रखे हैं भीड़ को रोकने के लिए सीधे भीड़ के सामने तक खड़े हो जा रहे हैं। वहीं क्लाउड मैनेजमेंट के तहत प्रयागराज जंक्शन आने वाली ट्रेनों को आउटर के स्टेशनों पर ही रोक दिया जा रहा है।

ट्रेन से आ रहे हैं प्रयागराज, पहले समझिए रूट
स्टेशनों पर यात्रियों के प्रवेश और निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू होना था। लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखकर इसे जारी रखा गया है। अगर आप प्रयागराज जंक्शन पर आ रहे है तो प्रवेश केवल सिटी साइड प्लेटफ़ॉर्म नंबर 1 की ओर से दिया जा रहा है। निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर हो रही है। वहीं अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जा रहा है। टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में उपलब्ध है। साथ ही आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को सिटी साइड स्थित गेट नंबर 5 से प्रवेश दिया जा रहा है।

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अगर बात प्रयागराज छिवकी स्टेशन की करें तो प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जा रहा है। निकास के लिए केवल जी.ई. सी नैनी रोड - प्रथम प्रवेश की ओर से है। वहीं अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जा रहा है। साथ ही आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश की अनुमति है। टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में उपलब्ध है।

नैनी जंक्शन आने वालों के लिए ये है रूट

नैनी जंक्शन पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं यात्रियों को प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जा रहा है। निकास केवल मालगोदाम की ओर द्वितीय प्रवेश द्वार से है। अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जा रहा है । वहीं आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश अनुमन्य है। वहीं सूबेदारगंज स्टेशन पर प्रवेश केवल झलवा - कौशाम्बी रोड की ओर से दिया जाएगा। निकास केवल जी.टी. रोड की ओर दिया जाएगा। जहां से पैदल चलकर नेहरू पार्क से शटल बस मिल जाएगी। 

अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्री आश्रय की व्यवस्था है। वहीं आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को गेट नंबर 3 से प्रवेश दिया जा रहा है। सुबह का रजिस्ट्रेशन पर फिर हर टिकट के लिए प्लेटफार्म नंबर एक पर आपको जाना होगा लेकिन टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में भी है। रेलवे द्वारा करीब 13,000 से अधिक ट्रेनों के संचालन कर रहा है । जिसमें मेला स्पेशल ट्रेनिंग भी शामिल है। जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में सुगमता और सुविधा मिलेगी। विशेष ट्रेनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी की गई है, ताकि यात्रियों को कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद मिल सके।

भीड़ पर क्या कह रहे हैं अधिकारी?

शशिकांत त्रिपाठी मुख्य जन संपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे ने बताया कि प्रयागराज क्षेत्र के सभी स्टेशनों से 150 से अधिक मेला विशेष गाड़ियां चलाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन लगभग 200 नियमित गाड़ियां यात्रियों को सेवित कर रही हैं। इतना ही नहीं महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए चार दैनिक रिंग रेल सेवाएं और एक शटल सेवा भी प्रयागराज जंक्शन से अयोध्या के लिए है। साथ ही भारतीय रेल देश के विभिन्न हिस्सों से लंबी दूरी की कुम्भ मेला विशेष ट्रेनों का संचालन भी कर रही है। इस दौरान लगभग 800 लंबी दूरी की ट्रेनें 22 राज्यों के 50 से अधिक शहरों से संचालित की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र स्नान में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंच सकें।

अमित कुमार सिंह जनसंपर्क अधिकारी प्रयागराज मंडल ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज मण्डल के स्टेशनों पर कलर कोडिंग की व्यवस्था लागू हैं। देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर दर्शन और स्नान के लिए आ रहे हैं। भीड़ सर्वाधिक हो रही है ऐसे में प्रयागराज आने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर रुकने, ट्रेन पकड़ने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। उनका टिकट ही उन्हें सबकुछ बता देगा कि उन्हें कहां ट्रेन मिलेगी और कहां पर उन्हें रुकना है।

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सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन छोड़कर प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, छिवकी, नैनी, रामबाग, झूंसी, प्रयाग व फाफामऊ स्टेशन पर यह व्यस्था लागू है। इन स्टेशनों पर चार रंग लाल, नीले, पीला, हरा रंग के चार यात्री शेड बनाए गए हैं। जिस रंग का टिकट होगा, उसी रंग के आश्रय स्थल में यात्रियों को जाना होगा। यात्री आश्रय स्थल में जहां पर यात्री होंगे वहीं पर रेलकर्मी मोबाइल टिकटिंग मशीन से उन्हें टिकट उपलब्ध करा रहे हैं। जबकि यूटीएस मोबाइल एप से भी टिकट आसानी से लिया जा सकेगा।

सभी आश्रयों में खानपान स्टाल, उद्घोषणा और पूछताछ काउंटर, प्राथमिक चिकित्सा, पेयजल एवं सार्वजानिक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। प्रयागराज जंक्शन पर यात्री शेड के माध्यम से ही प्रवेश दिया जाएगा। यात्री शेडोमें स्थान न होने पर उन्हें खुसरूपुर में बने होल्डिंग एरिया में शिफ्ट किया जाता है। जहां से सीधे उन्हें जक्शन स्टेशन पर उनके ट्रेन तक पहुंचाया जा रहा है।