महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर गुरुवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के दो विधायकों के समर्थकों के बीच झड़प हो गई। यह हाथापाई बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी-SC नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच हुई। इससे पहले जितेंद्र आव्हाड और पडलकर के बीच बुधवार को तीखी बहस हुई थी, जिसके एक दिन बाद यह घटना हुई

 

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की रिपोर्ट तलब की है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विधानसभा के ग्राउंड फ्लोर की लॉबी में दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद कुछ देर के लिए स्थिति बिगड़ गई लेकिन वहां मौजूद लोगों ने दोनों समूहों को अलग कर दिया। विधानसभा में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दोनों गुटों के एक-एक समर्थक को हिरासत में ले लिया।

मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता- पडलकर

बीजेपी विधायक पडलकर ने बाद में मीडिया से कहा, 'मुझे इस घटना के बारे में कुछ नहीं पता। आप उनसे (आव्हाड से) पूछ सकते हैं, वह सदन में बैठे हैं। मैं इसमें (घटना में) शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं जानता' वहीं, पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने विधानमंडल परिसर में सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने दावा किया, 'अगर विधायक विधानभवन के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि होने का क्या मतलब है? हमारा अपराध क्या है? मैं तो बस ताजी हवा लेने के लिए बाहर निकला था। मुझे लगता है कि वे मुझ पर हमला करने आए थे'

 

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आव्हाड ने लगाया आरोप

बता दें कि विधानभवन के एंट्री गेट पर बुधवार को आव्हाड और पडलकर के बीच बहस हुई थी। सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे वीडियो में दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस दिख रही है। मुंब्रा-कलवा से विधायक आव्हाड ने दावा किया कि पडलकर ने कार से उतरते समय जानबूझकर अपनी गाड़ी का दरवाजा बहुत जोर से खोला, ताकि उन्हें चोट लगे। पडलकर ने इस आरोप पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

 

 

सांगली जिले की जाट सीट से विधायक पडलकर एनसीपी-(एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले के मुखर आलोचक रहे हैं। पडलकर की पवार परिवार के खिलाफ पिछले बयानों पर एनसीपी (एसपी) के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी।

 

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उद्धव ठाकरे ने दी प्रतिक्रिया

इस बीच विधानसभा में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर विधायकों ने गुरुवार को हुई झड़प के बारे में प्रतिक्रिया दी और विधानमंडल परिसर में अत्यधिक भीड़भाड़ को लेकर चिंता व्यक्त की। संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने दिन में पास जारी करने के संबंध में जांच की मांग की। अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि उन्होंने घटना की रिपोर्ट तलब की है और उचित कार्रवाई की जाएगी।

 

वहीं, विधान परिषद के सदस्य और शिवसेना (UBT) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस तरह से ‘गुंडा जैसा व्यवहार’ पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, 'यह पूछना जरूरी है कि ऐसे लोगों को एंट्री की अनुमति किसने दी। पास जारी करने वालों की जांच होनी चाहिए। यह बहुत ही गंभीर मामला है और मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त और तत्काल कार्रवाई करें'

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानभवन एक अत्यंत सम्मानित संस्थान है और इसकी गरिमा को हर कीमत पर बनाए रखा जाना चाहिएकांग्रेस विधायक नाना पटोले ने कहा, 'यह अनुचित हैअध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने हमें आश्वासन दिया है कि वह कार्रवाई करेंगे'