बिहार की मोकामा सीट से पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह के काफिले पर बुधवार को फायरिंग हुई। अनंत सिंह नौरंगा-जलालपुरगांव में एक विवाद को सुलझाने गए थे। तभी दोनों तरफ से गोलियां चलने लगीं। अनंत सिंह के काफिले पर हमला कथित तौर पर सोनू-मोनू गैंग ने किया था। अब इस हमले को लेकर अनंत सिंह ने पूरी कहानी बताई है।
सोनू-मोनू डकैत हैंः अनंत सिंह
अनंत सिंह ने दावा किया कि पहले गोली सोनू-मोनू गैंग की तरफ से चली थी। उन्होंने कहा, 'हमने दो आदमी उन्हें बुलाने के लिए भेजे थे। उन्होंने गोली चला दी। गोली हमारे एक आदमी के गर्दन में लग गई। बचाने के लिए हमारे यहां से आदमी गए।' उन्होंने कहा, 'सोनू-मोन किडनैपर हैं, चोर हैं। चोरी वाला काम करते हैं। उनके पिता डाकू हैं। पिता वकील बनता है लेकिन अपने बेटे का केस देखता है। पिस्टल लेकर दौड़ता है।'
'पुलिस कार्रवाई करती तो हम नहीं जाते'
अनंत सिंह ने कहा कि 'अगर पुलिस कार्रवाई करती तो हमें जाना ही नहीं पड़ता। पुलिस पैसे लेती है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं करती। सोनू-मोनू पुलिस के मुखिया की तरह काम करते हैं।' उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि जनता सुरक्षित रहे। अगर जनता कहेगी कि वहीं रहो तो हम वहीं रहेंगे। मैं मांग करता हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं जेल जाऊंगा या नहीं? इसका फैसला सरकार को करना है। मैं हमेशा अपनी जनता के साथ खड़ा हूं।'
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि गांववालों की शिकायत पर अनंत सिंह बुधवार को एक विवाद को सुलझाने गए थे। तभी उनके काफिले पर 60-70 राउंड की फायरिंग हुई। गोलियां सोनू-मोनू गैंग ने चलवाई थीं। इस गोलीबारी में अनंत सिंह बाल-बाल बच गए थे। बताया जाता है कि सोनू-मोनू गैंग के संबंध मुख्तार अंसारी से हैं। सोनू-मोन कुख्यात अपराधी हैं और हत्या, लूट, डकैत समेत कई मामले उनपर दर्ज हैं।