ओडिशा के बलांगीर में 7 साल पहले हुई हत्या के एक मामले में अब फैसला आया है। दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। हैरानी की बात है कि इस शख्स ने शादी के गिफ्ट में बम भेज दिया था। बम धमाके में दूल्हे समेत कुल दो लोगों की मौत हो गई थी। बम भेजने वाला शख्स एक कॉलेज में लेक्चरर था और दूल्हे की मां से उसकी रंजिश थी। अब अदालत ने इस शख्स को दोषी करार देते हुए कुल 17 साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही, 1.70 लाख रुपय का जुर्माना भी लगाया गया है। फिलहाल, वह शख्स पटनागढ़ जेल में बंद है।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में दोषी करार दिया गया पुंजीलाल मेहर ज्योति विकास कॉलेज में लेक्चरर के पद पर तैनात था। दूल्हे की मां इसी कॉलेज में प्राचार्य थीं। पुलिस के मुताबिक, पुंजीलाल ने प्राचार्य के बेटे सौम्य की हत्या की साजिश रची और 2018 में शादी के उपहार के रूप में बम भेजा। सरकारी वकील चितरंजन कानूनगो ने बताया कि पटनागढ़ में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने मामले में आरोपी पुंजीलाल मेहर को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 201 (अपराध के साक्ष्य नष्ट करना) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धाराओं तीन और चार के तहत दोषी ठहराया।
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कुल 17 साल की सजा
अदालत ने दो धाराओं के तहत आजीवन कारावास, दो आरोपों के तहत 10 साल कैद और एक अन्य आरोप के तहत सात साल कैद की सजा सुनाई। कानूनगो ने कहा कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। सरकारी वकील ने कहा, 'हमारा कहना था कि इसे दुर्लभतम मामलों में से एक माना जाए। हालांकि, अदालत ने इसे दुर्लभतम मामलों में से एक नहीं माना क्योंकि सभी जघन्य अपराध के मामलों को इस तरह नहीं माना जा सकता।'
उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा सुनाई गई सजा से समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा। अदालत ने दोषी पर 1.70 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कानूनगो ने अदालत के बाहर मीडियाकर्मियों को बताया कि उसे जीवनभर सलाखों के पीछे रहना होगा। बम विस्फोट में सौम्य शेखर नामक 25 वर्षीय व्यक्ति और उसकी 85 वर्षीय दादी की मौत हो गई थी। सौम्य की पत्नी सीमा साहू, 23 फरवरी, 2018 को बलांगीर जिले के पटनागढ़ स्थित उनके घर में शादी के उपहार के रूप में रखे गए पार्सल बम में विस्फोट होने से गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं।
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यह विस्फोट उस समय हुआ था जब दूल्हे ने गिफ्ट खोला था। नवविवाहिता और उसके परिवार के अनुरोध के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपराध शाखा को घटना की जांच करने का आदेश दिया था। क्राइम ब्रांच ने 23 मार्च, 2018 को जांच अपने हाथ में ली और अप्रैल 2018 में पुंजीलाल मेहर को गिरफ्तार कर लिया गया। वह फिलहाल पटनागढ़ उप-जेल में बंद है। जांच एजेंसी ने कहा है कि इस अपराध को बदला लेने की मंशा के तहत अंजाम दिया गया था।