पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने बुधवार को पंजाबी भाषा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। एक आदेश में राज्य सरकार ने कहा है कि पंजाब के सभी स्कूलों में, चाहे वह किसी भी बोर्ड का क्यों न हो, पंजाबी को मुख्य और अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाना जरूरी है।

 

पंजाब सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर राज्य के सभी स्कूलों में पंजाबी को अनिवार्य मुख्य विषय बना दिया। इस अधिसूचना के मुताबिक, पंजाबी को मुख्य विषय के रूप में न पढ़ाने वाले स्कूलों के प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं दी जाएगी। दरअसल, पंजाब शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाबी भाषा की उपेक्षा करने वाले सीबीएसई के नए परीक्षा पैटर्न का कड़ा विरोध किया था। इसके बाद सीबीएसई ने तुरंत स्पष्टीकरण जारी किया।

 

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पंजाबी भाषा को खत्म करने की साजिश- मंत्री

 

मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, 'पंजाबी देश के अन्य राज्यों में भी बोली और पढ़ी जाती है। यह दर्शाता है कि पंजाबी की महत्ता पंजाब की सीमाओं से भी परे है। पंजाबी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जिसे देशभर में लाखों लोग बोलते और प्रेम करते हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीएसई ने अपने नए शैक्षिक पैटर्न के जरिए पंजाबी भाषा को खत्म करने की यह साजिश रची है।

 

भाषाई विविधता पर सीधा हमला'

 

शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति में पंजाबी की अनदेखी पर कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखेंगे ताकि संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा सके, जिन्होंने राज्य के साथ यह अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई को समझना चाहिए कि यह सिर्फ किसी भाषा के चयन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय महत्व का विषय है। यह राज्यों के अधिकारों और संघीय ढांचे का उल्लंघन है और हमारे देश की भाषाई विविधता पर सीधा हमला है।

 

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तेलुगू भाषा पढ़ाना अनिवार्य

 

बता दें कि इससे पहले तेलंगाना में कांग्रेस के नेतृत्व वाली रेवंत रेड्डी सरकार ने भी तेलुगू भाषा को लेकर ऐसा ही आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने तेलंगाना के सभी स्कूलों में तेलुगू भाषा को पढ़ाना अनिवार्य करार दिया है। रेवंत सरकार ने तेलंगाना में सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी और अन्य बोर्ड के सभी स्कूलों में कक्षा से 1 लेकर दसवीं तक के छात्रों के लिए तेलुगू को अनिवार्य सब्जेक्ट के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किया है।