पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। पंजाब राज्य सतर्कता ब्यूरो ने मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ती का केस दर्ज किया हुआ है। पंजाब मंत्रिमंडल ने आठ सितंबर को शिअद नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अभियोजन की मंजूरी दे दी थी।
शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया फिलहाल पटियाला की नई नाभा जेल में बंद हैं। पंजाब के महाधिवक्ता ने इससे पहले कहा था कि पूर्व मंत्री के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा चर्चा की जानी जरूरी है। उन्होंने कहा था कि इसके बाद मामला औपचारिक आदेश पारित करने के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
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किस धारा में केस चलाने की मिली मंजूरी?
सरकारी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पंजाब मंत्रिमंडल की सिफारिश के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत बिक्रम मजीठिया पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी गई है। सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें कथित तौर पर 540 करोड़ रुपये के 'ड्रग मनी' का शोधन शामिल था।
40,000 पन्नों का आरोपपत्र दायर
राज्य सतर्कता ब्यूरो ने 22 अगस्त को डीए मामले में मोहाली की एक अदालत में 40,000 से ज्यादा पन्नों का आरोपपत्र दायर किया था। मजीठिया के खिलाफ दर्ज एफआईआर में ब्यूरो ने दावा किया है कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा कथित तौर पर सहायता प्रदान किए गए कई चैनलों के जरिए 540 करोड़ रुपये से ज्यादा की ड्रग मनी का शोधन किया गया था।
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यह एफआईआर पंजाब पुलिस के एक विशेष जांच दल (SIT) ने साल 2021 के एक नशे के केस की चल रही जांच से निकली है। मजीठिया पर 2021 में मादक द्रव्य-विरोधी एसआईटी की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने पटियाला जेल में पांच महीने से ज्यादा समय बिताया और अगस्त 2022 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के बाद जेल से बाहर आ गए।
