देश की राजधानी दिल्ली का नाम बदलने की मांग हुई है। यह मांग भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को की। दिल्ली की चांदनी चौक से लोकसभा सांसद खंडेलवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सरकार से दिल्ली का नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ' करने का आग्रह किया। उन्होंने गृह मंत्री को तर्क दिया कि दिल्ली का नाम बदलकर इसकी प्राचीन पहचान और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया जा सके।
बीजेपी सांसद ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली भारत के प्राचीन सांस्कृतिक केंद्रों में एक विशेष स्थान रखती है। साथ ही कहा कि इंद्रप्रस्थ भारतीय सभ्यता की शाश्वत भावना का प्रतिनिधित्व करता है और न्याय परायण शासन एवं सामाजिक सद्भाव के आदर्शों का प्रतीक है।
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भारतीय सभ्यता का जीवंत प्रतीक बताया
चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, 'यह केवल एक महानगर नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता का जीवंत प्रतीक है। यह लोक कल्याण की भावना, नैतिकता और परंपरा का द्योतक है। इतिहास साक्षी है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहीं अपनी राजधानी स्थापित की थी।'
उन्होंने कहा, 'मैं भारत सरकार से विनम्रतापूर्वक आग्रह करता हूं कि इस मामले पर गंभीरता से विचार कर फैसला लिया जाए ताकि हमारी राजधानी अपनी प्राचीन पहचान और गौरव को फिर से प्राप्त कर सके।' इसके अलावा उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का भी सुझाव दिया है।
पुरानी दिल्ली स्टेशन का भा नाम बदले
खंडेलवाल ने कहा, 'पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ रेलवे स्टेशन कर दिया जाना चाहिए। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ हवाई अड्डा कर दिया जाना चाहिए। दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर पांडवों की प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए।'
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उन्होंने कहा कि पांडव दिल्ली के संस्थापक थे और उन्होंने इसे अपनी राजधानी इंद्रप्रस्थ नाम दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास गवाह है कि पांडवों ने अपनी राजधानी इंद्रप्रस्थ, यमुना के तट पर स्थापित की थी, जिससे यह महाभारत काल के सबसे समृद्ध, सुंदर और सुव्यवस्थित शहरों में से एक बन गया।
अयोध्या-वाराणसी का दिया हवाला
बीजेपी सांसद खंडेलवाल ने कहा कि जिस तरह प्रयागराज, अयोध्या, उज्जैन और वाराणसी जैसे अन्य ऐतिहासिक शहर अपनी प्राचीन पहचान को फिर से प्राप्त कर रहे हैं, उसी तरह दिल्ली भी अपने मूल स्वरूप में सम्मानित होने की हकदार है। उन्होंने कहा कि इंद्रप्रस्थ नाम अपनाने से दिल्ली एक बार फिर भारत के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत प्रतीक के रूप में उभरेगी।
अपने पत्र में, प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी संबोधित किया है। बता दें कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत 1 नवंबर, 1956 को दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। इस बार स्थापना दिवस पर, दिल्ली सरकार लाल किले में 'दिल्ली स्थापना दिवस' भी मना रही है।