उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जमीन खरीद को लेकर पिछली सरकार में हुए फैसले को धामी सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसके बाद अब बाहरी लोगों के लिए उत्तराखंड में खेती-बाड़ी और बागवानी की जमीन खरीदने पर रोक लग गई है।


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 'प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।'

रद्द किया त्रिवेंद्र सरकार का फैसला?

उत्तराखंड में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे तो उनकी सरकार में 2018 में उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम सिस्टम 1950 में संशोधन किया था। इसके बाद उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति को भी जमीन खरीदने की अनुमति मिल गई थी। इसके साथ ही जमीन की खरीद-बिक्री का अधिकार डीएम को मिल गया था। इसके अलावा त्रिवेंद्र सरकार ने संशोधन कर 12.5 एकड़ की खरीद की सीमा भी खत्म कर दी थी। इसका असर ये हुआ कि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन खरीद सकता था। 

 

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धामी सरकार का क्या है फैसला?

धामी सरकार ने 2018 में त्रिवेंद्र रावत की सरकार में हुए संशोधनों को निरस्त कर दिया है। इसके बाद अब उत्तराखंड में बाहरी लोगों के लिए जमीन नहीं खरीद सकेंगे। हालांकि, हरिद्वार और उधम सिंह नगर में ये रोक नहीं होगी। 

 

इसका असर क्या होगा?

सररकार के इस फैसले का मतलब होगा कि अब दूसरे राज्यों के लोग हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिले को छोड़कर उत्तराखंड के बाकी जिलों में खेती और बागवानी की जमीन खरीदना मुश्किल हो जाएगा। जमीन के लेन-देन का अधिकार भी डीएम से छीन लिया गया है। अब जमीन खरीदने के लिए सरकार की अनुमति लगेगी।


हालांकि, दूसरे राज्यों के लोग अगर उत्तराखंड में बसना चाहते हैं तो वो नगरपालिकाओं से बाहर 250 वर्ग मीटर जमीन खरीद सकते हैं। हालांकि, इसका पूरा रिकॉर्ड एक पोर्टल पर रखा जाएगा। इतना ही नहीं, एक परिवार का एक व्यक्ति एक ही बार जमीन खरीद सकेगा।

 

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बाहरी क्या जमीन नहीं खरीद सकेंगे?

सिर्फ हरिद्वार और उधम सिंह नगर में नया भू कानून लागू नहीं होगा। इसका मतलब हुआ कि इन दो जिलों में बाहरी खेती और बागवानी की जमीन खरीद सकेंगे। हालांकि, यहां भी 12.5 एकड़ से ज्यादा की जमीन नहीं खरीद पाएंगे। इससे ज्यादा की जमीन खरीद को मंजूरी नहीं दी जाएगी।