अयोध्या में आज दीपोत्सव का रिहर्सल होने जा रहा है। इसमें रामायण के समय की कहानियां दिखाई जाएंगी। रात 12 तक ड्रोन शो और लेजर लाइट शो होगा। यह सब देखने के लिए आम लोग राम की पैड़ी पर मौजूद रहेंगे। 2100 अर्चकों ने सरयू आरती की है।
अयोध्या में दिवाली के दिन मनाने जाने वाले दीपोत्सव की भी तैयारियां पूरी हो गई है। सरयू नदी के किनारे राम की पैड़ी के 56 घाटों पर 29 लाख दीये लगाए जा चुके हैं। जिसमें 26 लाख 11 हजार 101 दीयों को जलाया जाएगा। इसके साथ ही अयोध्या अपने पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ देगी। पिछले साल 2024 में 25 लाख 12 हजार दिये जलाए गए थे।
यह भी पढ़ें- नरकासुर की कथा क्या है, जिसकी वजह से मनाई जाती है नरक चतुर्दशी?
क्या-क्या कार्यक्रम
18 अक्टूबर को कई लोग मिल कर सरयू नदी की महाआरती करेंगे। साकेत यूनिवर्सिटी से राम के राज्याभिषेक की झांकी निकाली जाएगी। 20 अक्टूबर को राम की पैड़ी पर ड्रोन और लेजर शो होगा।
राम की पैड़ी के सभी घाटों पर दीप लगाने का काम पूरा होने के साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए लाइट का इंतजाम किया गया है। इस जगह पर कई सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
दीपोत्सव के मौके पर 5 देशों की रामलीला का मंचन राम कथा पार्क में किया जाएगा। इस दौरान राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ सरकार के कई कैबिनेट मंत्री भी मौजूद रहेंगे।
यह भी पढ़ें- बांके बिहारी का खजाना खुला, क्या क्या निकला?
दीपोत्सव की पूरी तैयारियां की जा चुकी है। यूनिवर्सिटी के 35000 वॉलिंटियर्स ने दीपक लगाने का काम पूरा कर लिया है। दीपक में तेल और बाती भी लगा दिया गया है। इस बार की दीपावली कई मायने में बहुत खास मानी जा रही है। राम लल्ला के आने के बाद यह पहला दीपोत्सव है। इस बार राम की नगरी को पूरी तरीके से दुल्हन की तरह सजाया गया है। रंग-बिरंगी लाइटिंग रामनगरी की शोभा बढ़ा रही है।
राम मंदिर में तैयारी
जहां अयोध्या को पूरी तरह से सजाया गया है वहीं राम मंदिर की सजावट भी पूरी कर ली गई है। एक लाख से ज्यादा दीये मंदिर के परिसर में जलाए जाएंगे। मंदिर के सभी गेट को फूलों और लाइटों से सजाया गया है। जगह-जगह पर तोरण द्वार बनाए गए हैं। 51000 से ज्यादा मोम के दीपक भी जलाए जाएंगे। मंदिर के गर्भगृह में देसी घी के दीपक जलेंगे। ट्रस्ट ने इस बार आम लोगों के लिए मंदिर में दीये जलाने की व्यवस्था की है। राम जी को 56 मिनट का भोग लगाया जाएगा और बाद में वही प्रसाद लोगों में बांट दिया जाएगा।