कोटा में ICICI बैंक की एक पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता को चोरी-छिपे कई ग्राहकों के अकाउंट से 4.58 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साक्षी ने वर्ष 2020 से 2023 के बीच बैंक की श्रीराम नगर ब्रांच में काम करते हुए 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों में बिना उनकी अनुमति के पैसों की निकासी की। पुलिस को यह मामला 18 फरवरी को पता चला था। जांच में पता चला कि साक्षी ने ये पैसे शेयर बाजार में लगाने की बात कही लेकिन इस वजह से भारी नुकसान भी हुआ। पुलिस ने 31 मई को साक्षी को गिरफ्तार किया।
बदले ग्राहकों के नंबर
धोखाधड़ी को छुपाने के लिए, गुप्ता ने चालाकी से कई बैंक खातों के मोबाइल नंबर बदल दिए और उनकी जगह अपने रिश्तेदारों के नंबर लगा दिए। इससे असली खातों के मालिकों को बैंक से जुड़े मैसेज और ओटीपी मिलना बंद हो गया। बैंक के मैनेजर तरुण दाधीच को जब इन खातों में कुछ गड़बड़ी नजर आई, तो उन्होंने इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पूरा मामला जांच में आया और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
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'पूल अकाउंट' की तरह करती थी इस्तेमाल
उद्योग नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर इब्राहिम ने बताया कि गुप्ता ने बहुत सोच-समझकर पैसे इधर-उधर किए। कभी-कभी वह एक बुजुर्ग महिला के खाते का इस्तेमाल 'पूल अकाउंट' की तरह करती थी, जबकि उस महिला को इन सब बातों की भनक तक नहीं थी। फरवरी 2023 के बीच तक सिर्फ उस एक खाते से 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम गुजर चुकी थी।
31 लोगों की तोड़ी FD
जांच में पता चला कि गुप्ता ने कई गड़बड़ियां की थीं। उसने बिना ग्राहकों की इजाजत के 40 बैंक खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा चालू कर दी। 31 लोगों की फिक्स्ड डिपॉजिट समय से पहले तुड़वा दी, जिससे करीब 1.34 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई। गुप्ता ने ऑनलाइन और एटीएम लेन-देन के लिए लोगों के डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का गलत इस्तेमाल किया। उसने 3.4 लाख रुपये का फर्जी पर्सनल लोन भी जारी कर दिया।
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10 लाख का ले रखा लोन
वह कई लेन-देन इंस्टा कियोस्क मशीन और डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म के जरिए करती थीं, ताकि शक न हो। जो पैसा उसने गलत तरीके से कमाया, उसे कई डीमैट खातों में ट्रांसफर कर दिया शायद इसलिए ताकि उसके फर्जीवाड़े का कोई सुराग न मिले। गुप्ता को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां एक दिन की रिमांड के बाद उसे जेल भेज दिया गया। जांच में ये भी पता चला कि उसने खुद 10 लाख रुपये का लोन ले रखा है।