दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में एक 18 साल की छात्र के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। छात्रों के लगभग एक दिन चले प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने 14 अक्टूबर की सुबह करीब 4 बजे एफ़आईआर दर्ज की है। छात्रा के बयान के आधार पर यह एफ़आईआर दर्ज की गई है। छात्रा ने अपने बयान में कहा है कि 4 लोगों ने उनके साथ कैंपस के अंदर गैंगरेप करने की कोशिश की है।

 

बताया जा रहा है कि यह घटना 12 अक्टूबर की है, जब आरोपियों ने कैंपस के अंदर एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में ज़बरदस्ती की, उनके कपड़े फाड़े और गैंगरेप करने की कोशिश की। 13 अक्टूबर का दिन कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शनों से भरा रहा। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को दबाने की कोशिश की। नाम न छापने की शर्त पर छात्रों ने खबरगांव को बताया कि पीड़ित छात्रा का चरित्र हनन करने की भी कोशिश की गई। छात्र पूरे दिन और देर रात तक एडमिन ब्लॉक पर प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग थी कि पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द एफ़आईआर दर्ज करे।

 

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पीड़िता के दोस्त ने किया था फोन

 

छात्रों ने बताया कि पीड़िता को शाम करीब 6 बजे पंडित मदन मोहन मालवीय अस्पताल ले जाया गया था। जहां उनका मेडिकल करवाने के बाद उनका बयान दर्ज करवाया गया था। डीसीपी (साउथ) अंकित चौहान के अनुसार, पुलिस को 13 अक्टूबर की दोपहर 3 बजे फोन करके यौन उत्पीड़न की शिकायत की गई थी। पुलिस ने बताया है कि यह फोन पीड़िता के एक दोस्त ने किया था। छात्रों का आरोप यह भी है कि प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद प्रशासन के लोगों ने पुलिस को सूचित नहीं किया था।

 

ख़बरों के अनुसार, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। ख़बरों में बताया गया है कि पीड़िता बीटेक की छात्रा है। इंडिया टुडे में छपी ख़बर के अनुसार, पुलिस सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय में लगभग हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। छात्रा के बयान के आधार पर उसकी बताई जगहों की फुटेज की गहन जांच की जा रही है।

 

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पुलिस ने दर्ज की गैंगरेप की FIR

 

पुलिस ने छात्रा के बयान के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 70, 62, 123, 140(3), 115(2), 126(2) और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है। इन धाराओं में गैंगरेप की कोशिश करने, अगवा करने और नशीला पदार्थ देने की धाराएं शामिल हैं।

 

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यूनिवर्सिटी का कैसा है माहौल?

 

छात्रों ने खबरगांव की टीम से कैमरे पर बात करने से इनकार करते हुए कहा कि अगर वह कोई बयान देते हैं तो उन्हें डर है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर देगा। छात्रों का कहना है कि वह 14 अक्टूबर को भी एडमिन ब्लॉक का घेराव करेंगे। उनकी मांग है कि इस मामले में आरोपियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले। छात्र वॉर्डन और केयरटेकर के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं और उनकी मांग है कि कैंपस में यूसीसी और जेंडर सेंसेटाइज़ेशन कमेटी में छात्र प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।