उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा सीट से विधायक नंद किशोर गुर्जर अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब एक जुलूस निकालने के लेकर वह उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेटरी और गाजियाबाद के कमिश्नर पर भड़क गए हैं। गुरुवार को निकाली गई कलश यात्रा को लेकर रोके जाने को लेकर नंद किशोर गुर्जर, उनके समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई और इस सब में नंद किशोर गुर्जर के कपड़े तक फट गए। इसी के बाद नंद किशोर गुर्जर ने कुछ ऐसा कहा कि अब वह वायरल हो गया है। नंद किशोर गुर्जर ने चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर को कहा कि चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर, अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है तो गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना, तेरी गोली होंगी और हमारे सीने होंगे। अब उनका यह बयान चर्चा का विषय बन गया है।
यह मामला लोनी में हो रही राम कथा से जुड़ा हुआ है। 18 मार्च से 28 मार्च तक होने वाली कथा हर दिन चल रही है। गुरुवार को कथा से पहले एक कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें 500 से ज्यादा महिला और पुरुष शामिल हुए। कलश यात्रा लोनी से निकलकर जब संगम विहार इलाके में पहुंची तो वहां पुलिस पहले से मौजूद थी। पुलिस ने कलश यात्रा निकालने की अनुमति न होने की बात कहकर यात्रा रोक दी। इस पर विधायक नंद किशोर गुर्जर और पुलिस के बीच कहासुनी होने लगी। खुद थाना प्रभारी हरेंद्र मलिक भी वहां मौजूद थे। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस और कलश यात्रा में शामिल लोगों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी। इसी में नंद किशोर गुर्जर के कपड़े तक फट गया।
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इसके बाद तो नंद किशोर गुर्जर हत्थे से उखड़ गए। पुलिस की रोकटोक से नाराज नंद किशोर गुर्जर सड़क पर ही धरना देने बैठ गए। उनके समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ने की सूचना मिलने पर एसीपी भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे शांत नहीं तो लगभग आधे घंटे के हंगामे के बाद पुलिस ने कलश यात्रा को आगे जाने दिया। इसके बाद कलश यात्रा कई इलाकों में घूमने के बाद राम कथा स्थल पर वापस पहुंच गई।
'28 मार्च के बाद प्राण त्याग दूंगा...'
जब कलश यात्रा लेकर नंद किशोर गुर्जर मंच पर पहुंचे तो उन्होंने अधिकारियों को जमकर सुनाया। नंद किशोर गुर्जर ने कहा, 'मैंने अनुमति के लिए लोनी एसडीएम को पत्र दिया है। कलश यात्रा के लिए अनुमति इतनी जरूरी नहीं होती। 28 मार्च तक मैं कथा में रहूंगा, उसके बाद या तो अधिकारी होंगे या फिर मैं रहा हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि अगर सीएम योगी आदित्यनाथ ने चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर को जेल नहीं भेजा तो वह खाना-पीना छोड़ देंगे और अपने प्राण त्याग देंगे। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि धक्का-मुक्की के दौरान पुलिस ने उनके बेटे नागेश के दोनों पैर तोड़ दिए और समर्थकों के साथ जमकर मारपीट भी की।
वायरल हुए वीडियो में नंद किशोर गुर्जर कह रहे हैं, 'मैं चुनौती देना चाहता हूं यूपी पुलिस को। चीफ सेक्रेटरी अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है, ए कमिश्नर अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है तो कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना। तेरी गोली होगी, हमारे सीने होंगे। माननीय योगी जी ने हमें मना किया था कि बोलना नहीं है, हम चुप थे। पुलिस अन्याय कर रही थी। मेरे कार्यकर्ताओं से पैसे लेकर इंस्पेक्टर ने छोड़ा, मैं बोला नहीं। हमारी बहन सरिता चौधरी के साथ दरिंदों ने मारपीट की। मैंने आवाज उठाई, योगी जी ने रोका तो मैं बोला नहीं। कब तक चुप रहेंगे?'
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अब नंद किशोर गुर्जर का कहना है, 'अगर कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी जेल नहीं भेजे गए तो मैं अन्न और जल ग्रहण नहीं करूंगा। जमीन पर सोऊंगा, फटे कपड़ों में रहूंगा चाहे मेरी जान चली जाएगी। 28 मार्च के बाद मैं लखनऊ जाकर चीफ सेक्रेटरी कार्यालय के बाहर अपने प्राण त्याग दूंगा।'
अधिकारियों ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर अंकुर विहार के एसीपी अजय कुमार ने बताया, 'मुझे सूचना मिली थी कि गुरुवार को नंद किशोर गुर्जर के बेटे हितेश द्वारा गैरपरंरागत जुलूस निकालने का कार्यक्रम है। इस सूचना पर थाना प्रभारी लोनी बॉर्डर ने बुधवार की रात में ही हितेश गुर्जर और उनके समर्थक के फोन पर फोन किया लेकिन बाच नहीं हुई। सुबह थाना प्रभारी ने हितेश गुर्जर और नंद किशोर गुर्जर दोनों से यह जुलूस न निकालने को कहा लेकिन जुलूस निकाला गया। विधायक ने यात्रा की कोई अनुमति नहीं दिखाई और जुलूस के दौरान पुलिस से धक्कामुक्की की गई। इस मामले की जांच की जा रही है, उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।'