पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की गिरफ्तारी से राज्य की सियासत गरमा गई है। पुलिस ने 25 जून को ड्रग्स और आय से अधिक संपत्ति मामले में मजीठिया को गिरफ्तार कर लिया था। अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे उनके समर्थकों को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
दरअसल, शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता बुधवार को मोहाली कोर्ट में बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान पुलिस ने सुखबीर बादल को हिरासत में ले लिया। बादल और अन्य अकाली नेताओं ने गुरद्वारे की ओर बढ़ने की कोशिश की तभी पुलिस ने उन्हें रोक लिया। बाद में पुलिस ने बादल और अन्य अकाली नेताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें एक थाने में ले गए।
अकाली कार्यकर्ताओं से डरे हुए हैं सीएम
एक वीडियो में पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री बादल को पुलिस के एक अधिकारी से यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें जाने दिया जाए क्योंकि वह गुरद्वारे में मत्था टेकना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'क्या वे (आप सरकार) अकाली कार्यकर्ताओं से इतने डरे हुए हैं? मैं गुरद्वारे में मत्था टेकने जा रहा हूं।' बादल ने मीडिया से बातचीत में आम आदमी पार्टी सरकार पर जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की 'हत्या' करने का आरोप लगाया।
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क्यों हुई मजीठिया की गिरफ्तारी?
दरअसल, आज विजिलेंस बिक्रम सिंह मजीठिया को कोर्ट में पेश करने ले जा रही थी लेकिन इसी दौरान पुलिस ने अकाली नेताओं को हिरासत में लिया। मजीठिया की सात दिन की रिमांड आज खत्म हो गई। मोहाली में विजिलेंस ऑफिस और जिला अदालत परिसर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। बादल के साथ पार्टी नेता सिकंदर सिंह मलूका और परमबंस सिंह बंटी रोमाना को अंब साहिब गुरद्वारे के पास हिरासत में लिया गया।
बता दें कि ने 25 जून को बिक्रम मजीठिया को 540 करोड़ रुपये से ज्यादा के मादक पदार्थ से संबंधित धन को सफेद करने में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन्हें 26 जून को मोहाली की एक कोर्ट ने सात दिन की रिमांड पर भेज दिया था। इस मामले ने पंजाब में इतना तूल पकड़ा है कि आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल आमने-सामने आई गई हैं।
अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गिरफ्तारी के बाद कहा है कि मोहाली में पुलिस ने उन्हें रोका और हिरासत में लिया, क्योंकि वे गुरुद्वारे जा रहे थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला किया। बादल ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पर कब्जा कर लिया है और राज्य में लोगों के अधिकार खत्म हो गए हैं।
सुखबीर सिंह बादल ने आगे कहा, 'केजरीवाल ने पंजाब पर कब्जा कर लिया है। पंजाब के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार खत्म हो गए हैं। वे (अरविंद केजरीवाल) पंजाब से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सर्वोच्च नेता के रूप में यहां आकर बैठ गए हैं। उन्होंने राज्य में आपातकाल लगा दिया है।'
'वे हमें डरा नहीं सकते'
बादल ने आगे कहा, 'वे हमें डरा नहीं सकते। हर एक अकाली कार्यकर्ता आप सरकार के दमन के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा और जवाब देगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की हताशा ने साबित कर दिया है कि वह शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के बढ़ते हौसले से घबरा गए हैं।'
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बादल ने एक्स पर लिखा, 'भगवंत मान ने पंजाब में अघोषित आपातकाल लगा दिया है। आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा झूठे मामले में फंसाए गए बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आज मोहाली जा रहे अकाली कार्यकर्ताओं को उनके घरों में ही हिरासत में लिया जा रहा है और यहां तक कि सभी प्रमुख सड़कों पर लगाए गए नाकों पर भी उन्हें रोका जा रहा है। ऐसे दमनकारी कृत्यों से कायरता की बू आती है। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान बिक्रम सिंह मजीठिया के लिए बढ़ते समर्थन से घबरा गए हैं।'
उन्होंने लिखा, 'मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अकाली दल और उसके कार्यकर्ता ऐसी दमनकारी हरकतों से नहीं डरेंगे। अतीत में भी अकालियों ने जन आंदोलनों के माध्यम से दमन का मुकाबला किया है।" अब हम पंजाबियों के समर्थन से भ्रष्ट और तानाशाही वाले शासन को करारा सबक सिखाएंगे।'
आप सरकार का पलटवार
वहीं, भगवंत मान सरकार में हरपाल सिंह चीमा ने सुखबीर बादल के आरोपों का जवाब दिया। चीमा ने कहा, 'पंजाब के लोग जानते हैं कि जब अकाली दल और बीजेपी की सरकार थी, तब यहां कितनी बड़ी इमरजेंसी लगाई गई थी। यह पंजाब का इतिहास है। अब कोई इमरजेंसी नहीं है। कानून अपना काम कर रहा है। मेरा मानना है कि सुखबीर सिंह बादल जजों, न्यायपालिका और पंजाब पुलिस को डराने की कोशिश कर रहे हैं और वह पंजाब में कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि वह संविधान में नहीं, बल्कि नशा तस्करों में विश्वास रखते हैं। वह पंजाब में नशा तस्करों का समर्थन करते हैं।'