तमिलनाडु से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां कृष्णागिरी के एक सरकारी मिडिल स्कूल में तीन शिक्षकों ने 13 साल की नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न किया। इसकी जानकारी 6 फरवरी को जिला कलेक्टर सी दिनेश कुमार ने दी। तीनों शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने निलंबित कर दिया है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है। कृष्णगिरि कलेक्टर सी दिनेश कुमार ने कहा कि तीनों को 15 दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। 

 

कैसे सामने आया मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़की 3 जनवरी से स्कूल नहीं जा रही थी, जिसके बाद स्कूल ने उसके घर जाकर मामले की जांच की। पीड़िता को जरूरी काउंसलिंग दी गई है जिसके बाद मामला सामने आया और बच्ची के माता-पिता ने बरगुर अखिल महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस स्टेशन की सिफारिश के आधार पर, पिड़िता के माता-पिता ने बाल सुरक्षा अधिकीर से संपर्क किया। पीड़िता को जरूरी काउंसलिंग दी गई। जिला बाल सुरक्षा अधिकारी और पुलिस मामले की जांच कर रहे हैं। 

 

 

 

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पहले भी हुई ऐसी कई घटना

इससे पहले तमिलनाडु में ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जहां अन्ना विश्वविद्यालय के सेकंड ईयर की छात्रा के साथ 23 दिसंबर, 2024 की रात को अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न हुआ था। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों वाली एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है।

 

एक अन्य घटना में, 4 फरवरी को बृजमनगंज थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय लड़की का अपहरण और बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने कहा कि आरोपी की पहचान विजय के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि नाबालिग लड़की के पिता की शिकायत पर विजय के खिलाफ बलात्कार, अपहरण और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।