तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने सोमवार को एक सरकारी अधिसूचना (गज़ट नोटिफिकेशन) जारी किया, जिसमें अनुसूचित जातियों के सब-कैटेगराइजेशन का प्रावधान किया गया, यानी कि ‘आरक्षण के अंदर आरक्षण’ की एक व्यवस्था की गई।


इस अधिसूचना के अनुसार, राज्य की अनुसूचित जातियों को तीन समूहों में बांटा जाएगा – ग्रुप 1, ग्रुप 2 और ग्रुप 3। गज़ट नोटिफिकेशन के अनुसार अनुसूचित जाति (आरक्षण का तार्किककरण) अधिनियम 2025 के तहत ग्रुप I को 15% SC कोटे में से 1% आरक्षण मिलेगा; ग्रुप II को 9% और ग्रुप III को 5% आरक्षण मिलेगा।


ग्रुप 1 में 15 सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियां हैं, ग्रुप 2 में 18 और ग्रुप 3 में 26 जातियां शामिल हैं। इसके साथ ही, तेलंगाना SC सब-कैटेगराइजेशन लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

 

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सुप्रीम कोर्ट ने दी थी इजाजत

यह फैसला उस समय आया है जब कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने SC और ST के अंदर और सब-कैटेगराइजेशन (sub-classification) की इजाज़त दी थी ताकि इन वर्गों के अंदर और ज़्यादा पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल सके।


गज़ट नोटिफिकेशन के अनुसार, इस अधिनियम को 8 अप्रैल को राज्यपाल की मंज़ूरी मिल गई थी। गजट में लिखा गया, ‘यह मंज़ूरी अब 14 अप्रैल, 2025 को तेलंगाना गज़ट में प्रकाशित की जा रही है ताकि सभी को जानकारी मिल सके।’

 

नौकरी और शिक्षा में लागू

गज़ट जारी होने के इस पल से ही तेलंगाना में नौकरी और शिक्षा में SC सब-कैटेगराइजेशन लागू हो जाएगा।

 

तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘हमने इसके लिए गज़ट और सरकारी आदेश जारी कर दिया है। इस गज़ट की पहली प्रति मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को सौंपी गई।’ 

 

‘अगर 2026 की जनगणना में SC की आबादी बढ़ती है, तो हम उनकी आबादी के अनुसार आरक्षण देंगे।’

 

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने एक्स (X) पर लिखा, ‘तेलंगाना भारत का पहला राज्य है जिसने SC सब-कैटेगराइजेशन का क्रांतिकारी फैसला लागू किया है। हमें गर्व है कि हमने इतिहास रच दिया। भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर की जयंती के शुभ दिन, तेलंगाना सरकार ने यह सामाजिक न्याय का महान कार्य लागू करके उन्हें सबसे अच्छा सम्मान दिया, जो SC सब-कैटेगरीज़ के वर्गीकरण की बहुत पुरानी मांग थी।

 

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हो रहा था आंदोलन

उन्होंने आगे कहा: ‘दलितों के सभी वर्गों को सशक्त बनाने और उन्हें अवसर देने के लिए राज्य सरकार ने यह गज़ट अधिसूचना जारी की, जिसकी पहली प्रति मुझे उस कमेटी ने दी जिसने यह ऐतिहासिक काम किया।’

 

कांग्रेस सरकार के लिए SC सब-कैटेगराइजेशन करना एक मुश्किल काम माना जा रहा था क्योंकि माला जाति (जो SC में एक सब-कैटेगरी है) इसका कड़ा विरोध कर रही थी। वहीं तेलंगाना की मडिगा जाति पिछले 30 सालों से SC सब-कैटेगराइजेशन की मांग को लेकर आंदोलन कर रही थी।