महाराष्ट्र के ठाणे में 'ब्रेन-डेड' घोषित की गई 38 साल की एक महिला के परिजनों वो काम किया है, जो समाज के लिए मिसाल हैमहिला के जरिजनों ने जीवटता दिखाते हुए उसके अंगों का 'अंगदान' करने का फैसला किया। इस तरह से महिला इस दुनिया को अलविदा कहते हुए भी छह लोगों को नया जीवन देकर रुखसत हुई

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला एक गृहिणी थी। महिला को इसी महीने 19 दिसंबर को अचानक स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो गई थी, जिसके बाद उसे ठाणे के श्री महावीर जैन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल ने महिला का इलाज करने के बाद उसे 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया। यह खबर सुनते ही महिला का पूरा परिवार पूरी तरह से टूट गया।

 

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परिवार का अंग दान करने का फैसला

हालांकि, महिला का परिवार इस घटना से बेहद शोकाकुल होने के बावजूद उन्होंने उसके अति महत्वपूर्ण अंगों को दान करने का फैसला किया। परिवार और डॉक्टरों के बीच हुई बातचीत के बाद अंगदान देने पर सहमति बन गई।

हृदय, फेफड़े, अग्न्याशय किए दान

परिवार की अनुमति और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने 25 दिसंबर को महिला के हृदय, फेफड़े, अग्न्याशय (Pancreas) और अन्य अंग दान के लिए सुरक्षित रख लिए। डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को मुंबई के चार अस्पतालों और गुरुग्राम के एक अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों के लिए पहुंचाया गया। एक अंग ठाणे के उसी अस्पताल में दान किया गया जहां महिला को 'ब्रेन डेड' घोषित किया गया था।

 

पुलिस ने महिला का दिल एक मरीज तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सिर्फ 17 मिनट में ठाणे से मुंबई के पवई में डॉ. एल. एच. हीरानंदानी हॉस्पिटल पहुंचाया। दिल को मरीज के सीने में ट्रांसप्लांट किया गया।

 

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मृतका की बेटी को आर्थिक मदद

अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा, 'ठाणे जिले के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि एक ही अंगदाता से प्राप्त अंगों से इतने लोगों की जान बचाई गई है।' परिवार के इस नेक काम से प्रभावित होकर अस्पताल चलाने वाले महावीर जैन ट्रस्ट ने मृतक महिला की नौ वर्षीय बेटी की आर्थिक मदद करने का फैसला किया और एक लाख रुपये दान किए। अस्पताल ने भी एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की।

 

हीरानंदानी हॉस्पिटल के CEO डॉ. समीर कुलकर्णी ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा अंगदान करने की अपील करते हुए कहा कि साल 2024 में 18,000 से ज्यादा अंग ट्रांसप्लांट किए गए। बता दें कि भारत में अंगदान करने का रेट अभी भी हर दस लाख आबादी पर एक डोनर है।