बरेली के सिरौली क्षेत्र में पुलिस ने समय रहते एक युवक को आत्महत्या करने से बचा लिया। 25 वर्षीय गुरुदेव नामक युवक अपने दो मंजिला मकान की छत पर चढ़ गया था और कूदकर जान देने की धमकी दे रहा था। बताया जा रहा है कि गुरुदेव की शादी महज 40 दिन पहले ही हुई थी लेकिन शादी के बाद से ही उसके परिवार और गांव के कुछ लोग उसे बार-बार मंदबुद्धि या 'पागल' कहकर ताना मारते थे। ये ताने अक्सर उसकी पत्नी के सामने भी दिए जाते थे, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गया और डिप्रेशन में चला गया। इसी गहरे मानसिक तनाव से परेशान होकर वह 28 मार्च को सुबह करीब 4 बजे अपने घर की छत पर चढ़ गया और आत्महत्या की कोशिश करने लगा।
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कूदने की धमकी दी
घटना की सूचना मिलते ही थाना सिरौली के प्रभारी रामरतन सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे। पुलिस को देखते ही गुरुदेव और अधिक आक्रोशित हो गया और कूदने की धमकी देने लगा। पुलिस और स्थानीय लोगों ने कई बार उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा के लिए मकान के चारों ओर तिरपाल बिछवाया और एक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब तीन से चार घंटे की मेहनत और स्थानीय लोगों की मदद से आखिरकार गुरुदेव को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।
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मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में गलत धारणा
इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में फैली गलत धारणाओं की सोच को एक बार फिर उजागर कर दिया है। पुलिस की सतर्कता और संवेदनशीलता से एक युवक की जान बच गई लेकिन यह घटना सोचने पर मजबूर करती है कि किसी को मानसिक रूप से कमजोर या पागल कहकर कितना गहरा आघात पहुंचाया जा सकता है।