पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के रवींद्र नगर इलाके में बुधवार को पुलिस और लोगों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद गुरुवार को इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने आरोप लगाया है कि मेटियाब्रुज विधानसभा के तहत आने वाले महेशतला (वार्ड नंबर 7) में एक शिव मंदिर में तोड़फोड़ की गई। यह इलाका रवींद्र नगर थाने के पास आता है।

 

बीजेपी नेताओं का कहना है कि ये एक साजिश के तहत किया गया हमला है, जबकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस बीच, सुवेंदु अधिकारी ने गुरुवार को डायमंड हार्बर के एसपी और बंगाल के डीजीपी से कहा कि वे महेशतला जाकर उन हिंदू परिवारों से मिलें जो हाल की घटनाओं में प्रभावित हुए हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह दौरा इसलिए जरूरी है ताकि पीड़ित दुकानदारों और परिवारों की बातें सुनी जा सकें और उनकी परेशानियों को समझा जा सके।

 

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क्या हुआ था?

यह सब उस वक्त शुरू हुआ जब दक्षिण 24 परगना के महेशतला (राबिन्द्र नगर–अक्रा इलाका) में दो गुटों के बीच एक फल की ठेली को लेकर झगड़ा हो गया। एक पक्ष ने ठेली हटाने की कोशिश की, तो दूसरा भड़क गया और देखते ही देखते बात बिगड़ गई। मामला यहीं नहीं रुका। जिस जगह पर ये ठेली थी, वहां पर अचानक एक ‘तुलसी का मंच’ बना दिया गया, जो एक धार्मिक प्रतीक होता है। बताया गया कि ये जगह ईद के मौके पर बंद पड़ी थी और उसी दौरान वहां मंच बना दिया गया। अब झगड़े की जड़ ये थी कि एक गुट कह रहा था कि वो दुकान मंदिर की जमीन पर बनी है, जबकि दूसरा गुट बोल रहा था कि यहां मंच नहीं बनना चाहिए था। यानी जमीन और धार्मिक प्रतीकों को लेकर दोनों पक्षों में तकरार और बढ़ती गई।

 

हिंसा कैसे भड़की?

सबकुछ उस वक्त बिगड़ गया जब कुछ लोग दुकान या तुलसी मंच को हटाने की कोशिश करने लगे। इसे लेकर वहां मौजूद लोगों ने ईंट-पत्थर चलाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस और भीड़ आमने-सामने आ गई और मामला हाथ से निकलने लगा। जल्द ही हालात और बिगड़ गए। भीड़ ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, उनकी गाड़ियों और बाइकों पर पत्थर फेंके। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। इस दौरान गुस्साई भीड़ ने कई सरकारी गाड़ियों और दोपहिया वाहनों में आग लगा दी। पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया।

 

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सुवेंदु अधिकारी ने क्या कहा?

सुवेंदु ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने डायमंड हार्बर के एसपी और बंगाल पुलिस के डीजीपी से बात की है ताकि आज मैं एक विधायक के साथ महेशतला (रवींद्रनगर थाना क्षेत्र) जाकर उन हिंदू परिवारों और दुकानदारों से मिल सकूं, जिन पर कल जिहादी हमला हुआ था। मैं वहां जाकर उनका हाल जानना चाहता हूं, उनकी बातें सुनना चाहता हूं और उन्हें यह भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम उनके साथ खड़े हैं। उम्मीद है कि प्रशासन मेरी इस यात्रा में कोई रुकावट नहीं डालेगा।'

 

वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के खिलाफ भी हुआ विरोध

पश्चिम बंगाल में कुछ समय पहले वक्फ बोर्ड संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे, जिनमें हिंसा भी हुई थी। उसी के कुछ महीनों बाद अब फिर माहौल गर्म होता दिख रहा है। इस बार बवाल तब शुरू हुआ जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलवामा हमले को लेकर एक बयान दिया, जिसे लेकर विपक्ष भड़क उठा। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आतंकवादियों और चरमपंथियों को खुला समर्थन दे रही है।

 

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सुवेंदु अधिकारी ने TMC पर लगाया आरोप

उनका कहना था, 'टीएमसी की सरकार बंगाल को चरमपंथियों की घाटी बना रही है। जो लोग देश के दुश्मनों का साथ देते हैं, उन्हें ममता बनर्जी की पार्टी बचा रही है।' इस बयानबाज़ी के बीच, मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें, भारतीय सेना की तारीफ की गई, जो उन्होंने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के लिए की। साथ ही, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी ज्यादातर पर्यटक थे।