दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने हरियाणा के यमुनागर से साहिद नाम के व्यक्ति को ब्लैकमेल और पहचान छिपाकर धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया है। बता दें कि राजस्थान के भरतपुर का निवासी साहीद खुद को यूट्यूब का कर्मचारी ‘राहुल शर्मा’ बताकर लोगों को ब्लैकमेल करता था। पुलिस ने बताया कि साहिद लोगों को धमकी देता था कि उनके अश्लील वीडियो सार्वजनिक कर देगा और फिर उनसे पैसों की मांग करता था।
यह मामला 2022 में दर्ज किया गया था, जिसमें साहिद के खिलाफ गिरफ्तारी का गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। जांच में सामने आया कि उसने सैकड़ों लोगों से ठगी की और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए उनके निजी वीडियो रिकॉर्ड करके उन्हें डराया।
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कैसे हुआ खुलासा?
नवंबर 2022 में साइबर सेल को एक शिकायत मिली थी, जिसमें पीड़ित ने बताया कि उसे एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को यूट्यूब कर्मचारी बताते हुए धमकी दी कि उसके पास एक आपत्तिजनक वीडियो है और उसे हटाने के लिए पैसे देने होंगे। डर के कारण, पीड़ित ने शुरुआत में 3.61 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। हालांकि, ब्लैकमेलिंग यहीं नहीं रुकी, आरोपी ने धमकियां जारी रखीं, जिससे पीड़ित को कुल 25 लाख रुपये देने पड़े।
इस मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने उसके हरियाणा के नूंह और राजस्थान के भरतपुर सहित कई ठिकानों पर नजर रखी। आखिर में हरियाणा के यमुनानगर में छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया गया।
साहिद का नेटवर्क
पूछताछ के दौरान, साहिद ने बताया कि वह गोकुलपुर, नूंह में तीसरी कक्षा तक पढ़ा था। बचपन में ही अनाथ हो गया और वर्ष 2009 में शादी कर ली। खेती से गुजारा करना मुश्किल था, क्योंकि उसे पत्नी और पांच बच्चों का पेट भरना था। साल 2022 में, उसका वसीम नाम के व्यक्ति के जरिए माजिद नाम के एक आदमी से मिला, जो एक साइबर ठगी गिरोह चलाता था। साहिद इस गैंग में शामिल हो गया और अलग-अलग नामों का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने लगा।
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दिल्ली पुलिस के डीसीपी आदित्य गौतम ने मीडिया को बताया कि साहिद सिर्फ एक मोहरा था और असल में वह संदीप अग्रवाल नामक व्यक्ति के लिए काम कर रहा था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का मानना है कि साहिद की गिरफ्तारी से एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ हो सकता है, जो ऑनलाइन ठगी और ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों में लिप्त है।