मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस फैसले के बाद बैंक की शाखाओं के बाहर ग्राहकों की लंबी कतारें लग गई। लोगों में चिंता और घबराहट का माहौल है, क्योंकि वे अपने जमा पैसे को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
RBI के अनुसार, यह कदम बैंक की लगातार बिगड़ते वित्तीय स्थिति को देखते हुए उठाया गया है। बैंक पिछले कुछ सालों से लगातार घाटे में चल रहा था, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई थी। RBI ने स्पष्ट किया कि इस बैंक का लाइसेंस ससपेंड नहीं किया गया है लेकिन उसके काम करने पर 6 महीने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस दौरान बैंक न तो कोई नया लोन दे सकेगा, न ही कोई इसमें पैसे जमा कर सकेगा और न ही निकाल सकता है।
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पिछले वित्तीय वर्ष मार्च 2024 में बैंक ने 22.78 रुपए करोड़ का नुकसान दर्ज किया था, जबकि इससे पहले के साल में 30.75 रुपए करोड़ का घाटा हुआ था। इसके अलावा, बैंक के NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की रकम भी बढ़कर 93.57 रुपए करोड़ तक पहुंच गई थी, जो इसके खराब आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।
ग्राहकों को अपना पैसा मिलेगा या नहीं?
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में जमा किए गए धन को लेकर ग्राहकों में सबसे ज्यादा चिंता थी। RBI ने आश्वासन दिया है कि जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत ज्यादातर 5 लाख रुपए तक की राशि वापस मिल सकती है। हालांकि, जिन ग्राहकों की जमा राशि 5 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए कोई आदेश नहीं आया है। उनके पैसे की वापसी बैंक के वित्तीय स्थिति पर निर्भर करेगी।
RBI ने बताया कि 5 लाख रुपए तक की राशि का दावा करने के लिए ग्राहकों को आवेदन करना होगा और इस प्रक्रिया को पूरा होने में 90 दिन तक का समय लग सकता है। वहीं, जिन ग्राहकों ने बैंक से लोन लिया है, वे अपनी जमा राशि को लोन के खिलाफ सेटलमेंट कराने का अनुरोध कर सकते हैं। साथ ही RBI ने बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीनों के लिए भंग कर दिया है। इसके साथ ही, बैंक के सभी काम की निगरानी के लिए SBI के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत वाखरकर को नियुक्त किया गया है।
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क्या पहले भी ऐसे मामले सामने आए हैं?
यह पहली बार नहीं है जब RBI ने किसी बैंक पर इस तरह की कार्रवाई की हो। इससे पहले पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक और यस बैंक (YES Bank) पर भी इसी तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं। PMC बैंक के जमाकर्ताओं को लंबे इंतजार के बाद उनका धन वापस मिला था। वहीं, YES बैंक के मामले में RBI ने 2020 में इसे फिर शुरू करने और काम को सुचारु बनाने के लिए SBI ने यस बैंक में 48% शेयर खरीदा था।