एजुकेशन-टेक कंपनी 'फिजिक्स वाला' को गुलमर्ग के जंगलों में ऐड शूट करना भारी पड़ा है। कंपनी के विज्ञापन पर हंगामा बरपा है। फिजिक्स वाला के टीचर गुलमर्ग के पास बडेरकोट जंगल में बिना वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की इजाजत के गाड़ियां चला रहे हैं। गाड़ियां घास पर भी चलीं जिसे लेकर सबसे ज्यादा आलोचना हो रही है। टंगमर्ग पुलिस स्टेशन में वन अधिकारी इफ्तिखार अहमद कादरी की शिकायत पर 'फिजिक्स वाला' के खिलाफ FIR दर्ज हुई।

इफ्तिखार अहमद कादरी ने अपनी शिकायत में कहा है कि यूट्यूब पर एक वीडियो डाला गया जिसमें 6 काली स्कॉर्पियो गाड़ियां बिना नंबर प्लेट के जंगल में घुस रही हैं। वन विभाग से कोई परमिशन नहीं ली गई। है। जांच में पता चला कि वीडियो बडेरकोट जंगल का ही है।

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कैसे फंस गया 'फिजिक्स वाला' 

'फिजिक्स वाला' कंपनी के कश्मीर में कई ब्रांच हैं। यह वीडियो 9वीं और 12वीं क्लास के लिए चलाए जा रहे'तूफान' कोचिंग का हिस्सा है। वीडियो में कोचिंग को प्रमोट करने के लिए पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। लोगों का कहना है कि यह कंपनी पर्यावरण नियमों की धज्जियां उड़ा रही है, ऐसे में कोचिंग संस्थान बच्चों को पर्यावरण संरक्षण क्या ही सिखाएगा। 

क्या-क्या आरोप लगे हैं? 

वन अधिकारी ने कहा कि गाड़ियां ऑफ-रोड चलाई गईं, जिससे जंगली जड़ी-बूटियां और पौधे खराब हो गए। यह भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन है। अब 'फिजिक्स वाला' इस ऐड पर घिरता नजर आ रहा है। पुलिस का कहना है कि यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ है, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। वन अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन हुआ है।

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फिजिक्स वाला क्या है?

फिजिक्स वाला, एक टेक्नोलॉजी बेस्ड एजुकेशन प्लेटफॉर्म है। इसके संस्थापक अलख पांडे हैं। साल 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी। यह JEE, NEET, CBSE और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किफायती ऑनलाइन कोर्स मुहैया कराता है। यूट्यूब चैनल से शुरू होकर, यह अब ऐप, वेबसाइट और ऑफलाइन सेंटर्स के जरिए लाखों छात्रों को कोचिंग देता है। यह यूनिकॉर्न स्टार्टअप की लिस्ट में आ गया है।