एक अमेरिकी शख्स इस समय काफी सुर्खियां बंटोर रहा है। टिम फ्रीडे विस्कॉन्सिन में रहते हैं, जो पहले ट्रक मैकेनिक थे लेकिन सांपों के प्रति उनके जुनून ने उन्हें मशहूर कर दिया। टिम ने पिछले 18 सालों में खुद को 200 से अधिक बार जहरीले सांपों जैसे कोबरा, ब्लैक माम्बा, रैलटस्नेक से कटवाया और 700 ज्यादा बार सांपों का जहर इंजेक्शन से लिया। उनका मकसद था अपने शरीर को जहर के खिलाफ इतना मजबूत करना कि वह सांपों के काटने से न मरे। 

 

ऐसा करने के पीछे कारण क्या?

टिम चाहते थे कि उनके खून से वैज्ञानिक एक ऐसा एंटीवेनम बनाएं, जो हर तहर के जहरीले सांप के काटने पर काम करे। दुनिया में हर साल लाखों लोग सांपों के काटने से मरते हैं, खासकर भारत जैसे देशों में। टिम का मानना था कि अगर उनके प्रयोग से ऐसा दवा बनी, तो लाखों जिंदगियां बच सकती हैं। 

 

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क्या हुआ?

टिम ने धीरे-धीरे छोटी मात्रा में जहर लेकर अपने शरीर में एंटीबॉडीज बनाई। अब उनका शरीर कई सांपों के जहर को बेअसर कर सकता है। वैज्ञानिकों, खासकर सेंटिवैक्स कंपनी ने टिम के खून का अध्य्यन किया। मई 2025 में एक रिसर्च में पता चला कि उनके खून में दो खास एंटीबॉडीज हैं, जो 13 तरह के खतरनाक सांपों के जहर को रोक सकती हैं। इस एंटीबॉडी से बनी दवा को चूहों पर आजमाया गया और यह कई सांपों के जहर के खिलाफ कामयाब रही। इसे यूनिवर्सल एंटीवेनम बनाने की कोशिश चल रही है। 

 

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खतरा और जोखिम

टिम का एक्सपेरिमेंट बहुत खतरनाक था। कई बार वह मौत के करीब पहुंचे। एक बार कोमा में चले गए और एक बार उनकी उंगली का हिस्सा काटना पड़ा। उनकी पत्नी ने उनके इस जुनून की वजह से 2015 में तलाक ले लिया था। टिम ने 2018 में सांपों से कटवाना बंद कर दिया और अब वह 57 साल की उम्र में स्वस्थ हैं।

 

वह वैज्ञानिकों के साथ काम करते हैं। हालांकि, टिम कहते हैं कि कोई भी उनके जैसा न करें क्योंकि यह जानलेवा है। उनके प्रयोग बिना डॉक्टरी निगरानी के किए गए जो गलत और खतरनाक है। बता दें कि भारत में हर साल 58 हजार लोग सांपों के काटने से मरते हैं। टिम का अनुसंधान एक ऐसी दवा बना सकता है जो सभी सांपों के जहर का इलाज करें जिससे भारत में कई जिंदगियां बच सकती हैं।