अमेरिका और चीन के ट्रेड वार में सोशल मीडिया पर मीम की भरमार हो गई है। चीन ने अमेरिका के खिलाफ नस्लवाली मीम बनाए हैं। सोशल मीडिया पर मोटापे से जूझ रहे अमेरिकी, गारमेंट फैक्ट्रियों में काम करते दिखाए गए हैं। AI जनरेटेड तस्वीरों और वीडियो चीन के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर जमकर वायरल हो रहे हैं। कुछ लोगों के दावे हैं कि इन्हें एशिका के किसी TikTok यूजर ने बनाया है। अमेरिकियों के लिए यह भद्दे मजाक से कम नहीं है।

अमेरिका सबसे तेज रफ्तार से पुरुषों के मोटापे में बढ़ोतरी दर्ज करा रहा है। पुरुषों के मामले में दुनिया के शीर्ष मोटापा ग्रस्त देशों में अमेरिका 10वें पायदान पर खड़ा है, वहीं महिलाओं के  मामले में दसवें और 36वें स्थान पर है। मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित एक स्टडी में दावा किया गया है कि दुनिया भर में मोटापे के शिकार लोगों की संख्या एक अरब से ज्यादा हो गई है।

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अमेरिकियों को मोटा बता रहा चीन
अमेरिकी नागरिकों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है। चीन के नागरिकों की ओर से पोस्ट किए जा रहे मीम में यह दिखाया गया है कि अमेरिका एक बार फिर औद्योगीकरण की राह पर है, मैन्युफैक्चरिंग के लिए मोटे-मोटे अमेरिकी काम कर रहे हैं। चीन ने यह दिखाने की कोशिश की है कि अमेरिकी मोटे होते हैं, उनके उत्पादन की क्षमता कमजोर होगी, जबकि चीन के मैन्युफैक्चरर ज्यादा दक्ष और तेजी से काम करने वाले होंगे।

ट्रोलिंग वाले वीडियो में है क्या?
वीडियो में एक मोटा अमेरिकी शख्स एक सिलाई मशीन चला रहा है। सोशल मीडिया पर कुच वीडियो वायरल हैं, जिनमें AI का इस्तेमाल किया गया है। मोटे अमेरिकी, फैक्ट्रियों में काम करते हैं, सिलाई मशीन चला रहे हैं, चेहरे पर गम है, ओवर वेट हैं।एक वीडियो में मोनालिजा की मेटापे वाली तस्वीर दिखाई गई। ज्यादातर वीडियो में लिखा गया है, 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।' यह डोनाल्ड ट्रम्प का नारा रहा है। 

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किस बात पर बहस छिड़ गई है?
सोशल मीडिया पर लोक लिख रहे हैं कि चीन नस्लवादी है। अमेरिकों को मोटा कहा जा रहा है, उनके शरीर का मजाक बनाया जा रहा है। एक शख्स ने लिखा, 'क्या अमेरिका मैन्युफैक्चरिंग के लिए तैयार है? क्या वे ग्राहकों को समय से चीजें दे पाएंगे? चीन सप्लाई चेन में भरोसा रखता है, अमेरिका कई बार चीन से माल लाने के लिए जहाजें भेज चुका है।' 


एक यूजर ने लिखा, 'अमेरिकन चाहते हैं वे सक्षम हो जाएं। यह अच्छी शुरुआत है लेकिन लेकिन इसके लिए ट्रेड वार शुरू करने की जरूरत नहीं है। ज्यादातर अमेरिकी अच्छी नौकरियां करना चाहते हैं, वे इसे करने के लिए तैयार नहीं होंगे।'

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चीन ने क्यों किया है ऐसा?
अमेरिकी प्रशासन ने ऐलान किया है कि चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गाया है। अतिरिक्त टैरिफ 9 अप्रैल से वसूले जाएंगे। अमेरिका ने चीन के खिलाफ रिवेंज टैक्स का इस्तेमाल किया तो अब चीनी बौखलाहट सामने आई है। चीन अमेरिका के ऐक्शन को लेकर अलग रणनीति पर काम कर रहा है। 



चीन भारत को लुभाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा है, 'भारत और चीन के आर्थिक और कारोबारी रिश्ते आपसी हितों पर आधारित हैं। टैरिफ लगाकर अमेरिका जो दुर्व्यवहार कर रहा है, उससे निपटने के लिए दो सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ खड़ा होना चाहिए।'