ज्वेलरी पर असर, फार्मा बेअसर, टैरिफ से किस सेक्टर को होगा नुकसान?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इससे भारत के निर्यात पर अरबों डॉलर का असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में जानते हैं कि अमेरिका के टैरिफ से भारत के किस सेक्टर पर क्या नुकसान हो सकता है?

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार दुनियाभर के मुल्कों पर 'रेसिप्रोकल टैरिफ' लगा ही दिया। ट्रंप ने गुरुवार को इन नए टैरिफ का ऐलान किया। ट्रंप के इन टैरिफ की दर 10% से 49% के बीच है। भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया है।
ट्रंप ने बताया कि जो देश अभी अमेरिकी इम्पोर्ट पर जितना टैरिफ वसूलता है, अमेरिका उनसे आधा टैरिफ वसूलेगा। उन्होंने बताया कि भारत अभी 52% टैरिफ लेता है, इसलिए अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया है। भारत को लेकर ट्रंप ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं लेकिन मैंने उनसे कहा था कि आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं।' ट्रंप पहले कई बार भारत को 'टैरिफ किंग' बता चुके हैं।
व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका अब तक औसतन 3.3% टैरिफ लगाता था। वहीं, यूरोपियन यूनियन 5%, चीन 7.5%, वियतनाम 9.4%, भारत 17% और ब्राजील 11.2% औसत टैरिफ लगाते हैं। यह भी बताया कि अमेरिका सेब पर कोई टैरिफ नहीं लेता लेकिन भारत में 50% तक टैरिफ लगता है।
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ट्रंप के टैरिफ की पूरी ABCD
- टैरिफ क्या है?: किसी भी सामान के इम्पोर्ट यानी आयात पर लगने वाला टैक्स टैरिफ होता है। जब कोई कंपनी किसी दूसरे देश से सामान आयात करती है तो उस पर लगने वाला टैरिफ वह अपने देश की सरकार को देता है। अगर कोई अमेरिकी कंपनी विदेश से सामान आयात करती है, तो उसे उस पर लगने वाला टैरिफ अमेरिकी सरकार को देना होगा।
- ट्रंप ने कितनों पर लगाया टैरिफ?: 185 देशों पर ट्रंप ने टैरिफ लगाया है। 11 देश ऐसे हैं, जिनपर ट्रंप ने 10% टैरिफ लगाया है। बाकी देशों पर 49% तक टैरिफ लगा है। कनाडा-मेक्सिको पर कोई नया टैरिफ नहीं लगा है। चीन पर 34% टैरिफ और लगाया है। इस तरह से चीन पर अब कुल 54% टैरिफ हो गया है।
- किन देशों को टैरिफ से मिली छूट?: आयरलैंड पर कोई नया टैरिफ नहीं लगाया गया है, जबकि इसके साथ 2024 में अमेरिका का व्यापार घाटा 89.2 अरब डॉलर का रहा था। रुस, गुआना और रोमानिया पर भी कोई टैरिफ नहीं लगाया गया है। जबकि, बोत्सवाना, म्यांमार और मेडागास्कर जैसे गरीब मुल्कों पर 37 से 47% तक का टैरिफ ट्रंप ने लगाया है।
- भारत पर कितना टैरिफ लगा है?: भारत से होने वाले आयात पर ट्रंप ने 26% टैरिफ लगाया है। स्टील, एल्युमिनियम और ऑटो इंडस्ट्री से जुड़े सामान पर 25% टैरिफ लगाया गया है। हालांकि, फार्मा प्रोडक्ट्स, सेमीकंडक्टर, कॉपर और एनर्जी प्रोडक्ट्स पर कोई टैरिफ नहीं लगाया है। स्टील-एल्युमिनियम को छोड़कर बाकी सभी सामानों पर 26% का टैरिफ लगेगा।
- टैरिफ की नई दर कब से लागू होंगी?: ट्रंप नए सिस्टम को दो स्टेप में लागू करने जा रहे हैं। 5 से 8 अप्रैल तक बेसलाइन टैरिफ लगाया जाएगा। बेसलाइन टैरिफ की दर 10% है। 9 अप्रैल की रात 12.01 बजे से फिर उतना ही टैरिफ लगेगा, जितना ट्रंप ने ऐलान किया है। यानी, 9 अप्रैल से भारत के सामान पर 26% टैरिफ लगेगा।
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भारत पर क्या होगा असर?
ट्रंप का टैरिफ भारत के लिए 'आपदा' में 'अवसर' की तरह साबित हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि चीन (54%), वियतनाम (46%), ताइवान (32%), थाईलैंड (36%) और बांग्लादेश (37%) जैसे एशियाई देशों की तुलना में भारत पर कम टैरिफ लगाया गया है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने 3 अप्रैल को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन और वियतनाम पर ज्यादा टैरिफ लगाने से भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को फायदा हो सकता है।
इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक के मामले में भी भारत को फायदा मिल सकता है। अभी तक अमेरिका के इलेक्ट्रॉनिक इम्पोर्ट में चीन, ताइवान और थाईलैंड जैसे देशों का दबदबा था लेकिन इन पर ज्यादा टैरिफ लगने से भारत को इसका फायदा हो सकता है। अमेरिका की सबसे बड़ी टेक कंपनी Apple भी अपने ज्यादातर iPhones की मैनुफैक्चरिंग अब तक चीन और ताइवान में ही करती थी। भारत में भी iPhones की मैनुफैक्चरिंग होती है और चीन-ताइवान की तुलना में यहां टैरिफ कम होने से यह और बढ़ने की उम्मीद है।
इसके अलावा सेमीकंडक्टर, मशीनरी, ऑटोमोबाइल और खिलौने जैसे क्षेत्र में भी चीन और थाईलैंड का दबदबा था। अब अमेरिकी कंपनियां अपनी मैनुफैक्चरिंग भारत में शिफ्ट कर सकती हैं। इसके साथ ही भारत भी लंबे समय से सेमीकंडक्ट और खिलौने जैसे क्षेत्र में कारोबार बढ़ाना चाहता है। बाकी देशों की तुलना में थोड़ा कम टैरिफ होने का फायदा मिल सकता है।
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ज्वेलरी पर सबसे ज्यादा असर, फार्मा बेअसर
ट्रंप के नए टैरिफ से भारत के ज्वेलरी इम्पोर्ट पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। अमेरिका उन देशों में से है, जो सबसे ज्यादा ज्वेलरी आयात करते हैं। अनुमान है कि अमेरिका ने 2023 में 13.5 अरब डॉलर की ज्वेलरी आयात की थी। इनमें सोना, चांदी और हीरे के गहने-जवाहरात शामिल हैं।
अमेरिका की जरूरत का लगभग 30% आयात भारत से ही होता है। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने 2023-24 में अमेरिका में 3.2 अरब डॉलर की ज्वेलरी आयात की थी। अब तक भारत से आने वाली ज्वेलरी पर 7% टैरिफ लगता था लेकिन अब 26% लगेगा। इससे अमेरिका में ज्वेलरी की कीमतें महंगी हो सकती हैं। भारत का आयात भी कम हो सकता है।
भारत के अलावा, अमेरिका सबसे ज्यादा ज्वेलरी स्विट्जरलैंड, इटली, थाईलैंड, चीन, फ्रांस और जॉर्डन से खरीदता है। ट्रंप ने स्विट्जरलैंड पर 31%, थाईलैंड पर 36%, चीन पर 54% और जॉर्डन पर 20% टैरिफ लगाया है। यूरोपियन यूनियन से आने वाले आयात पर भी 20% टैरिफ ही लगा है। ऐसे में भारत की तुलना में यूरोपियन यूनियन और जॉर्डन में कम टैरिफ है।
हालांकि, भारत के लिए अच्छी बात यह है कि फार्मा प्रोडक्ट्स पर कोई टैरिफ नहीं बढ़ाया गया है। अभी अमेरिका में भारत से आने वाली दवाइयां और फार्मा प्रोडक्ट्स पर 1.06% टैरिफ लगता है। भारत से हर साल औसतन 10 से 12 अरब डॉलर के फार्मा प्रोडक्ट्स का निर्यात होता है। इसका मतलब हुआ कि भारत के दवा निर्यात पर फिलहाल कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है।
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लेकिन एक खतरा यह भी!
भले ही ऐसा माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ से भारत को कुछ फायदा होने की उम्मीद है लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। जानकारों का मानना है कि टैरिफ से भारत का अमेरिका को होने वाला एक्सपोर्ट यानी निर्यात कम हो सकता है।
भारत के लिए अमेरिका उसका सबसे बड़ा कारोबारी देश है। 2021-22 से 2023-24 के बीच अमेरिका ने दुनियाभर से जितना भी सामान खरीदा, उसमें से 18 फीसदी से ज्यादा भारत से खरीदा था।
भारत के लिए एक अच्छी बात यह भी था कि अमेरिका के साथ उसका एक्सपोर्ट ज्यादा है और इम्पोर्ट कम। कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, भारत से 73.7 अरब डॉलर का निर्यात जबकि अमेरिका से 39.1 अरब डॉलर का आयात होता है।
हालांकि, ट्रंप के टैरिफ से अब भारत के निर्यात पर बड़ा असर पड़ सकता है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप के टैरिफ से भारत का करीब 30 अरब डॉलर यानी करीब 2.55 लाख करोड़ रुपये का निर्यात कम हो सकता है। इसका मतलब हुआ कि भारत की GDP को 0.8% तक नुकसान हो सकता है।
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खतरा अमेरिका पर भी है?
ट्रंप ने जो टैरिफ लगाया है, उससे अमेरिका पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका में बेतहाशा महंगाई बढ़ सकती है। वह इसलिए, क्योंकि टैरिफ लगने से आयात महंगा होगा, जिसका सीधा खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ेगा।
टैरिफ लगाने के पीछे ट्रंप ने दो तर्क दिए हैं। पहला तर्क यह कि इससे अमेरिका का व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी। दूसरा तर्क यह कि इससे अमेरिकी इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, अमेरिका में मैनुफैक्चरिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नेशनवाइड म्युचुअल की चीफ इकोनॉमिस्ट कैथी बोस्तजांसिक का अनुमान है टैरिफ से हर अमेरिकी परिवार पर सालाना 1,000 डॉलर का बोझ बढ़ सकता है। जेपी मॉर्गन ने भी अमेरिका में मंदी के खतरे को अनुमान को बढ़ाकर 60% तक कर दिया है। अमेरिका में करीब 1.5 लाख नौकरियां जाने का संकट भी है। अगर अमेरिका में महंगाई बढ़ती है तो इससे ब्याज दरें भी कम नहीं होंगी, जिसका सीधा-सीधा असर आम अमेरिकी पर पड़ेगी।
टैरिफ लगाने से अमेरिका को सबसे बड़ा फायदा डॉलर को और मजबूत करने में मिलेगा। क्योंकि जब आयात कम होगा तो दूसरे देशों के पास डॉलर की कमी होगी, जिससे इसका भाव बढ़ जाएगा। हालांकि, इसका तोड़ भी है। फिर बाकी देश अपनी करंसी में कारोबार करना शुरू कर सकते हैं।
बहरहाल, ट्रंप ने टैरिफ का ऐलान करते हुए कहा है कि 2 अप्रैल 2025 को उस दिन के तौर पर याद किया जाएगा, जिस दिन अमेरिका को फिर समृद्ध बनाने का काम शुरू हुआ था।
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