अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं। वजह यह है कि हाल ही में जिले में आई बाढ़ के बीच वह खुद राहत कार्यों की जमीनी स्थिति देखने पहुंचीं। वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से न सिर्फ हालचाल जाना, बल्कि आगे बढ़कर मदद भी की। उनके इस व्यवहार ने लोगों के दिल को छू लिया। कई महिलाओं ने उन्हें गले लगाकर अपना आभार जताया, जबकि बुजुर्गों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

 

उन्होंने न सिर्फ जमीनी हालात देखे बल्कि पीड़ितों से सीधे बातचीत भी की। लोगों से उनकी आत्मीयता भरी बातचीत का असर इतना गहरा था कि महिलाएं उन्हें गले लगाने लगीं और बुजुर्गों ने ढेरों आशीर्वाद दिए। यही वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

 

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2014 बैच की आईएएस

साक्षी साहनी 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और अमृतसर जिले की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं। यूपीएससी 2013 परीक्षा में उन्होंने देशभर में छठी रैंक हासिल की थी। मूल रूप से पंजाब से ताल्लुक रखने वाली साक्षी का परिवार भी सरकारी सेवाओं से जुड़ा रहा है।

 

साक्षी के पिता भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी रह चुके हैं, मां स्कूल प्रिंसिपल हैं और उनकी बहन बैंकिंग क्षेत्र में काम करती हैं। ऐसे माहौल ने उन्हें बचपन से ही सरकारी सेवा के प्रति उनका रुझान बढ़ा दिया।

पढ़ाई में रहीं अव्वल

उन्होंने हैदराबाद स्थित नालसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ से बीए एलएलबी की डिग्री हासिल की और आठ गोल्ड मेडल के साथ टॉप किया। हालांकि उनकी शुरुआती रुचि कानून के क्षेत्र में करियर बनाने की थी, लेकिन पढ़ाई के दौरान उन्होंने महसूस किया कि समाज की वास्तविक चुनौतियों को हल करने में सिविल सेवकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती है।

यूपीएससी का सफर

कॉलेज के दौरान ही उन्होंने 2012 में यूपीएससी का पहला अटेंम्प्ट दिया, लेकिन निबंध में अपेक्षित अंक न मिलने के कारण अंतिम रूप से चयनित नहीं हो पाईं। इसके बाद उन्होंने अपनी तैयारी की रणनीति में बदलाव किया और 2011 में छठी रैंक हासिल करने वाली गीतांजलि बंदोपाध्याय से प्रेरणा ली। नतीजा यह हुआ कि 2013 में उन्हें खुद भी वही रैंक मिली और वह आईएएस बनीं।

 

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क्यों वायरल हुईं साक्षी?

राहत कार्यों के बीच डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी का पीड़ितों से मानवीय जुड़ाव ही उनकी सबसे बड़ी पहचान बन गया। उनका लोगों को गले लगाना, हाल पूछना और मदद का आश्वासन देना मानो बाढ़ से जूझ रहे परिवारों के घावों पर मरहम साबित हुआ। यही वजह है कि दो दिनों से वह चर्चा में हैं और उनकी संवेदनशीलता की खूब तारीफ हो रही है।