शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है। हर दिन सैकड़ों-हजारों की संख्या में शादियां हो रही हैं। इस बीच एक स्टडी सामने आई है जो बताती है कि इस साल हो रही शादियों में लोगों का बजट पिछले साल की तुलना में 7 पर्सेंट बढ़ गया है। इस स्टडी के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ एक शादी का औसत खर्च 36.5 लाख रुपये हो गया है। वहीं, डेस्टिनेशन वेडिंग करने वालों का औसत खर्च लगभग 51 लाख रुपये है। इस सीजन में लगभग 48 लाख शादियां होनी हैं और इसके हिसाब से जोडें तो लगभग 6 लाख करोड़ का कारोबार होना है।
वेडिंग फर्म WebMeGood की रिपोर्ट के मुताबिक, खाने-पीने, जगह की बुकिंग और अन्य खर्चों में साल दर साल 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी होने के चलते यह इजाफा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक वेडिंग प्लानर शशांक गुप्ता के हवाले से लिखा है, 'हर कोई अपने हिसाब से बढ़िया से बढ़िया शादी करना चाहता है। लोग अब जगह पर, खाने पर और एक अच्छी वेडिंग एजेंसी पर भी खर्च कर रहे हैं। भारत में ज्यादातर लोग सबसे ज्यादा पैसा घर खरीदने और अपने बच्चों की शादी कराने पर ही खर्च करते हैं।'
संपत्ति बेचकर शादी करते हैं 6 पर्सेंट लोग
वेडमीगुड ने लगभग 3500 जोड़ों का सर्वे किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 9 पर्सेंट लोग अपनी शादियों पर औसतन 1 करोड़ रुपये खर्च करते हैं। वहीं, 9 पर्सेंट लोग औसतन 50 लाख से 1 करोड़ के बीच खर्च करते हैं। 40 पर्सेंट लोग 15 लाख से कम खर्च करते है। 23 पर्सेंट लोग ऐसे हैं जो 25 से 50 लाख रुपये खर्च करते हैं और 19 पर्सेंट लोग ऐसे हैं जो 15 से 25 लाख रुपये अपनी शादी पर खर्च कर देते हैं।
इस सर्वे के मुताबिक, 82 पर्सेंट लोग ऐसे हैं जो अपनी शादी के लिए निजी बचत या परिवार की बचत में से खर्च करते हैं। वहीं, 12 पर्सेंट लोन लेकर खर्च करते हैं और 6 पर्सेंट लोग संपत्ति बेचकर भी शादी करते हैं। वेडमीगुड के को फाउंडर महक सागर साहनी का कहना है, 'जेनजी कपल अब अपनी शादियों में कॉकटेल मिक्सिंग, गेमिंग और इस तरह की कई आधुनिक चीजों की मांग करने लगे हैं। कई कपल तो थीम के हिसाब से वेलकम डिनर रखवाते हैं।'
बता दें कि कनफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के मुताबिक, इस साल नवंबर-दिसंबर वाली सीजन में लगभग 48 लाख शादियां होनी हैं। इस हिसाब से लगभग 6 लाख करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है।