बजट में 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होने के बाद अब मिडिल क्लास को एक और तोहफा मिल सकता है। बताया जा रहा है कि प्रोविडेंट फंड (PF) की ब्याज दर में बढ़ोतरी की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा-सीधा असर 6.5 करोड़ लोगों को होगा।
28 फरवरी को हो सकता है फैसला
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 28 फरवरी को एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग होनी है। इस मीटिंग में PF में ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लिया जा सकता है। PF पर ब्याज दरें बढ़ाने का प्रस्ताव EPFO की तरफ से दिया जाता है।
कितनी बढ़ सकती है ब्याज दर
पिछले साल भी PF पर ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार भी ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं। पिछले साल EPFO ने PF पर ब्याज दर को 0.10% बढ़ाकर 8.25% कर दिया था। अभी लोगों को 8.25% की दर से ब्याज मिलता है। माना जा रहा है कि इस साल भी ब्याज दर को 0.10% बढ़ाया जा सकता है।
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कब तक लागू होगा फैसला?
CBT की बैठक में PF पर ब्याज दरें बढ़ाने या घटाने का प्रस्ताव EPFO की ओर से रखा जाता है। इस मीटिंग में अगर PF पर ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले को मंजूरी मिल जाती है तो इसे वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद ही ब्याज दरें बढ़ती हैं।
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कैसे मिलता है इसका फायदा?
EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या 6.5 करोड़ के आसपास है। PF पर मिलने वाला ब्याज हर महीने कैलकुलेट होता है। उदाहरण के लिए, अगर ब्याज दर को बढ़ाकर 8.25% किया जाता है तो हर महीने का ब्याज हुआ 8.25/12= 0.68%।
अब मान लीजिए कि हर महीने 6,000 रुपये PF कटता है। दूसरे महीने से ब्याज मिलता है। अब दो महीने में आपके EPF अकाउंट में 12,000 रुपये जमा हो गए। इस पर 12,000*0.68/100= 81.6। यानी, आपका ब्याज हुआ 82 रुपये। अब तीन महीने में आपके अकाउंट में जमा हुए 18,000 रुपये। इस पर 18,000*0.68/100= 122.4। यानी अब आपका ब्याज हो गया 122 रुपये। इसी तरह से हर महीने ब्याज बढ़ता जाता है।