समय के साथ-साथ AI यानी आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का प्रभाव भी बढ़ता जा रहा है। वहीं कई सेक्टर्स में AI का इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा रहा है। इसी बीच हाल ही में EY ‘Future of Pay 2025’ रिपोर्ट में बताया गया कि अगले तीन सालों में 60% भारतीय कंपनियां सैलरी कितनी बढ़ेगी, यह तय करने के लिए AI का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।
वेतन में वृद्धि और नौकरी में स्थिरता
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 में भारत में औसत वेतन वृद्धि 9.4% होगी, जो 2024 में 9.6% थी। हालांकि, यह मामूली गिरावट है लेकिन भारतीय बाजार में यह अब भी अच्छी मानी जा रही है। इसके साथ ही, कर्मचारी छोड़ने की दर (attrition rate) 2023 में 18.3% से घटकर 2024 में 17.5% हो गई है।
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AI वेतन नीतियों को तीन बड़े तरीकों से प्रभावित कर रहा है, जिसमें AI के जरिए कंपनियां कर्मचारियों की ज़रूरत, अनुभव और बाजार में चल रही स्थिति के आधार पर वेतन तय कर सकेंगी। साथ ही कंपनियां अपने कर्मचारियों को AI की मदद से नई स्किल्स सिखाने पर जोर दे रही हैं, ताकि वे बदलते जॉब रोल्स के अनुकूल बन सकें। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि AI से जुड़े स्किल्स जैसे मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में एक्स्पर्ट्स की मांग बढ़ रही है।
किन क्षेत्रों में सैलरी बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा
ई-कॉमर्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) जैसे क्षेत्रों में वेतन में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स क्षेत्र में 2025 में 10.5% वेतन वृद्धि होने की संभावना है। वहीं, फाइनेंशियल सर्विसेज के क्षेत्र में 10.3% तक वेतन में बढ़ोतरी का अनुमान है, खासतौर पर फिनटेक और डिजिटल बैंकिंग एक्स्पर्ट्स के मांग कि वजह से।
इसके साथ आईटी और इससे जुड़ी सर्विसेज में 2025 में वेतन वृद्धि दर 9.6% (आईटी सेक्टर) और 9% (आईटी-संबंधित सेवाएं) रहेगी, जो कि 2024 से कम है।
किस माहौल में काम करना पसंद करते हैं लोग
रिपोर्ट में बताया गया है कि आज के समय में सिर्फ अच्छी सैलरी ही नहीं, बल्कि कार्यस्थल पर कितनी स्वतंत्रता मिल रही है यह भी महत्वपूर्ण हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 90% कर्मचारी हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को पसंद करते हैं और 50% कंपनियां फ्रीलांस और कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड नौकरियों को बढ़ावा दे रही हैं। 65% कंपनियों का मानना है कि फ्लेक्सीबल कामकाजी विकल्प नए और अच्छे प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करने में मदद करते हैं।
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इस तरह लोगों को रोकने के लिए किए जा रहे हैं प्रयास
रिपोर्ट में कहा गया है कि 35% कंपनियां कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखने में मुश्किल का सामना कर रही हैं। इसके लिए कंपनियां हाइब्रिड वर्क मॉडल, ज्यादा छुट्टियां और आकर्षक वेतन सिस्टम अपनाने पर ध्यान दे रही हैं। वहीं आजकल कंपनियां कर्मचारियों को ESOPs (Employee Stock Ownership Plans) और RSUs (Restricted Stock Units) जैसे लंबे समय तक चलने वाले फायदे दे रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 63% कंपनियां ये लाभ देती थीं, लेकिन 2024 में यह बढ़कर 75% हो गया है।