Windfall Tax: केंद्र सरकार ने आज आम जनता को बड़ी राहत देते हुए एक फैसला लिया है। क्रूड प्रोडक्ट्स, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स हटा दिया गया है। लगभग दो महीने की चर्चा के बाद केंद्र ने इस पर फैसला लिया है।
इस टैक्स के हटने से सबसे अधिक फायदा रिलायंस और ओएनजीसी जैसी तेल कंपनियों को मिलेगा। इससे उनके रिफाइनिंग मुनाफे में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (आरआईसी) भी वापस ले लिया है।
विंडफॉल टैक्स क्या है?
विंडफॉल टैक्स एक ऐसा टैक्स है, जिसे घरेलू स्तर पर क्रूड उत्पादक कंपनियों पर एक तय सीमा से अधिक के मुनाफे पर लगाया जाता है। इसको लगाने का बड़ा कारण यह होता है कि अगर ग्लोबल मार्केट में डीजल, पेट्रोल और एटीएफ आदि के दाम घरेलू बाजार से ज्यादा हो तो रिफाइनरियां निर्यात बढ़ाने लगती हैं। इससे मुनाफा ज्यादा होता है। घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चत करने के लिए विंडफॉल टैक्स लगा देती है।
टैक्स हटाने से रिफाइनिंग मार्जिन में वृद्धि होगी
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोलियम क्रूड के उत्पादन और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ), मोटर स्पिरिट के निर्यात पर अब विंडफॉल टैक्स नहीं लगाया जाएगा। जुलाई 2022 में लगाए जाने के बाद विंडफॉल टैक्स को अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर हर 15 दिनों में संशोधित किया जाता था। आखिरी बार इसे 31 अगस्त को संशोधित किया गया था।
सेस को भी हटाया गया
केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल और डीजल के एक्सपोर्ट पर रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस लगाया गया था। उब उसे भी हटा दिया गया है। सरकार की तरफ से विंडफॉल टैक्स हटाए जाने से पहले 2 महीने तक लगातार चर्चा हुई थी। बता दें कि विंडफॉल टैक्स की वजह से तेल कंपनियों काफी नाराज थे।