शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 55वीं बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की, जिसमें तमाम राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। परिषद की बैठक में जीएसटी से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
बैठक में नमक और मसालों के साथ रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी, पहले से पैक किए गए पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी, कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी और फोर्टिफाइड राइस कर्नेल पर 5 फीसदी जीएसटी की सिफारिश की गई। हालांकि, बीमा पर जीएसटी में फेरबदल करने के प्रस्ताव को आगे की चर्चा के लिए टाल दिया गया।
बीमा प्रीमियम पर फैसला टला
स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर कम करने के बहुप्रतीक्षित फैसले को जीएसटी परिषद ने टाल दिया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि दरों को तर्कसंगत बनाने और बीमा प्रीमियम पर अधिक जानकारी पर चर्चा करने की जरूरत है और प्रस्ताव को फिर से परिषद में लाने से पहले जनवरी में जीओएम की एक और बैठक होगी।
कारों पर बढ़ा जीएसटी
वहीं, जीएसटी परिषद ने पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों और कारों पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) समेत पुराने वाहनों की बिक्री पर गुड्स एंस सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी पर सहमति बन गई है।
फूड डिलीवरी एप को लेकर चर्चा टली
सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर जीओएम की रिपोर्ट में 148 वस्तुओं के लिए जीएसटी दर में बदलाव का सुझाव दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि स्विगी और जोमैटो जैसे एग्रीगेटर्स के जरिए खाद्य वितरण के लिए जीएसटी दर में कटौती के बारे में फैसला भी टाल दिया गया है।
इसके अलावा महंगे होटल के अंदर बने रेस्टोरेंट में खाने पर 18 फीसदी जीएसटी जारी रहेगा, इसमें किसी बदलाव को मंजूरी नहीं दी गई है। इसमें 18 फीसदी जीएसटी को घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव था।
क्या बोले उमर अब्दुल्ला?
जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'कुछ चीजों पर सहमति बनी, कुछ चीजों को टाल दिया गया है। बहुत सारी अटकलें थीं कि शॉल, खासकर पश्मीना शॉल पर जीएसटी बढ़ाया जाएगा, इसलिए हम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार थे कि ऐसा न हो। शुक्र है कि इस पर विचार नहीं किया गया और हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में भी इस तरह की किसी बात पर विचार न किया जाए क्योंकि यह हमारे पश्मीना शॉल उद्योग के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।'