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किस नए पचड़े में फंस गए हैं गौतम अडानी?

गौतम अडानी एक बार फिर मुश्किलों में फंसे हैं। उन पर अमेरिका में धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप तय हुए हैं।

Gautam Adani

गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में से एक हैं।

अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों में अभी गौतम अडानी जूझ ही रहे थे कि अब वे नई मुश्किलों में फंस गए हैं। उन पर अमेरिका में एक प्रोजेक्ट को लेकर धोखाधड़ी और रिश्वत देने के गंभीर आरोप लगे हैं। अमेरिकी कोर्ट में उन पर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप तय किए गए हैं।

गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एक कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए करीब 25 करोड़ डॉलर के रिश्वत की पेशकश की और फिर इस मामले को छिपाने की साजिश की। न्यूयॉर्क की एक अदालत में बुधवार को यह मामला पहुंचा है। 


गौतम अडानी किस नए मुश्किल में फंसे हैं?
गौतम अडानी पर आरोप हैं कि उनकी कंपनी और अन्य अधिकारियों ने अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने पर सहमति दी थी। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि अगर ये प्रोजेक्ट पूरा होता तो इससे कंपनी को आने वाले 20 साल में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था। गौतम अडानी के इस प्रोजेक्ट में रिश्वत के बारे में बीते कई महीनों से चर्चाएं चल रही थीं। इसकी जांच अमेरिका में 2022 में ही शुरू हो गई थी।

गौतम अडानी पर क्या-क्या आरोप लगे हैं?
अमेरिका में तय आरोपों पर कहा जा रहा है कि कंपनी प्रबंधकों ने कर्ज और बॉन्ड्स के तौर पर 3 अरब डॉलर जुटाए हैं। कुछ पैसे अमेरिका फर्म को भी गए। गौतम अडानी पर लगाए गए आरोपों में ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क के अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा है, 'आरोपियों ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की एक गुप्त योजना बनाई थी। रिश्वतखोरी के बारे में झूठ बोला क्योंकि वे अमेरिकी और ग्लोबल इन्वेस्टर्स से पूंजी जुटाने की कोशिशों में जुटे थे। हम इंटरनेशनल मार्केट से ही भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे, हम निवेशकों को ऐसे लोगों से बचाएंगे जो हमारे बाजारों की कीमत लगाकर अमीर बनना चाहते हैं।'

अडानी पर अधिकारियों के आरोप संगीन हैं 
अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि गौतम अडानी, खुद सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे। उनके अलावा 7 अन्य लोग भी इसमें शामिल थे। अडानी के अलावा, सागर आर अडानी, वीनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा, सौरभ अग्रवाल और सिलीर के नाम सामने आए हैं।'

अमेरिका में कितना निवेश करने वाले हैं गौतम अडानी?

गौतम अडानी की नजर दुनिया भर के उद्योग जगत पर है। जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत हुई थी तो गौतम अडानी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि वह अमेरिका में 10 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। 


गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका में क्यों दर्ज हुआ केस?
अमेरिका अपने निवेशकों के हितों को लेकर बेहद सख्त व्यापार नीतियों का पालन करता है। अमेरिकी एजेंसियां, रिश्वत और धांधली को लेकर सख्त नियमों का पालन करती हैं। अडानी पर अमेरिकी निवेशकों से रिश्वत के जरिए निवेश आकर्षित करने के आरोप हैं। न्यूयॉर्क के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी, ब्रायन पीस ने कहा कहा है कि गौतम एस अडानी, सागर आर अडानी और विनीत एस जैन ने रिश्वत के बारे में झूठ बोला है। वे अमेरिकी और वैश्विक निवेशकों से निवेश कराने की कोशिश कर रहे थे।

 न्यूयॉर्क के ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी, ब्रायन पीस ने कहा कि यह अमेरिकी निवेशकों की संपत्ति को दांव पर लगाने जैसा है। ये आपराधिक कोशिश है। उनका यह भी कहना है कि अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन, दुनिया में भी कहीं होगा तो उन पर केस अमेरिका में जरूर चलेगा। FBI के असिस्टेंट डायरेक्टर जेम्स डेनेही का आरोप है कि गौतम अडानी और दूसरे आरोपियों ने रिश्वत और भ्रष्टाचारे के बारे में गलत बयानी की है। निवेशकों को धोखा दिया है। दूसरे आरोपियों ने सरकार की जांच में बाधा डाला है और रिश्वत की साजिश को छिपाने की कोशिश की है।


कितने अमीर हैं गौतम अडानी?
गौतम अडानी, दुनिया की सबसे अमीर शख्सियतों में से एक हैं। कभी वे 11वें पायदान पर होते हैं, कभी 10वें। अप्रैल 2024 तक वे दुनिया के 11वें सबसे अमीर शख्स थे, उनकी नेटवर्थ 111 अरब डॉलर के आसपास है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट में उनकी वेल्थ 11.62 लाख करोड़ रुपये बताई गई है। 

गौतम अडानी की कंपनियां करती क्या हैं?
एक साल में ही उनकी संपत्ति करीब 95 प्रतिशत बढ़ी है। गौतम अडानी का कारोबार एयरपोर्ट से लेकर बंदरगाह तक है। गौतम अडानी कोल सेक्टर, सोलर एनर्जी, पाइपलाइन, ऑयल से लेकर अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट तक से जुड़े हैं। 


'एक मुश्किल से उबर रहे, दूसरे में पड़ रहे गौतम अडानी'
गौतम अडानी ग्रुप साल 2023 से ही मुश्किलों में फंसा है। शॉर्ट शेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी पर गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप लगाए गए कि अडानी ग्रुप की कंपनियों ने शेयरों की कीमत में धोखाधड़ी की, उन्हें बढ़ाकर बताया। मनी लॉन्ड्रिंग और खातों से संबंधित फ्रॉड किे गए। 8 साल के दौरान कई सीएफओ बदले गए। आरोप यह भी लगाए गए कि ग्रुप की 7 कंपनियां ऐसी थीं, जिनके शेयर की कीमत 85 प्रतिशत से ज्यादा थी। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गौतम अडानी ग्रुप पर 2.20 लाख करोड़ का कुल कर्ज है, जो कंपनी की नेट वर्थ से कहीं ज्यादा है। गौतम अडानी ग्रुप ने इन दावों को एक सिरे से खारिज किया था लेकिन उसके बाद भी गौतम अडानी के शेयर बुरी तरह से लुढक गए थे। लोगों को अविश्वास होने लगा था। 

 

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