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शेयर मार्केट ऊपर और नीचे कैसे होता है, आखिर कैसे होती है इतनी कमाई?

शेयर मार्केट की खबरें आप भी रोज सुनते ही होंगे। कभी कोई शेयर मार्केट से मालामाल होता है तो कभी किसी के पैसे डूब जाते हैं।

Representative Image of Share Market

शेयर मार्केट, Image Credit: Freepik

आप भी हर रोज सुनते होंगे कि 'आज शेयर मार्केट ऊपर चला गया', 'आज गिर गया', 'आज लोगों के पैसे डूब गए', 'आज खूब पैसे बने', 'आज तो मार्केट ही डूब गया'। अगर आप कारोबारी दुनिया से अनजान हैं तो आपको भी कुछ समझ नहीं आता होगा कि आखिर ये किस मार्केट की बात हो रही है, वहां क्या खरीदा और बेचा जा रहा है और आखिर इस सबसे लोगों को कमाई कैसे हो रही है? ऐसे ही छोटे-मोटे सवालों का जवाब हम खोजकर लाए हैं ताकि अगली बार आप जब सुनें कि शेयर मार्केट में कुछ हो रहा है तो आप भी उसका मतलब समझ सकें और जान सकें कि आखिर इस बाजार में क्या हो रहा है।

 

हर देश में बहुत सारी कंपनियां होती हैं। वे अलग-अलग तरह की चीजें बनाती हैं। अक्सर इन कंपनियों में किसी एक आदमी का ही पैसा नहीं लगा होता है। कई लोग मिलकर एक कंपनी बनाते हैं। कई बार लोगों की संख्या 2-4 से बढ़कर सैकड़ों, हजारों या लाखों में होती है। यानी अगर आपने भी किसी कंपनी में पैसा लगा दिया तो आप उस कंपनी के शेयर होल्डर हो जाते हैं। आपके पैसों के बदले आपको उस कंपनी में थोड़ी सी हिस्सेदारी दे दी जाती है। अब अगर वह कंपनी पैसे कमाती है तो आपको भी कमाई होती है क्योंकि आप भी हिस्सेदार हैं। अगर वही कंपनी घाटे में जाती है तो आपको भी नुकसान होता है। पैसे लगाने और वापस निकालने का जो यही तरीका और जगह है उसी को शेयर मार्केट कहा जाता है।

 

क्या है शेयर मार्केट, कैसे काम करता है?

शेयर मार्केट को एक ऐसी मंडी समझ सकते हैं जहां लोग सब्जी के बजाय अपने शेयर लेकर आते हैं। कुछ लोग इन्हें खरीदते हैं तो कुछ लोग बेचते हैं। एक जमाने में यह काम कुछ लोग ही करते थे, जिन्हें शेयर ब्रोकर कहा जाता था। आम लोग इन्हीं ब्रोकर के जरिए शेयर मार्केट में पैसे लगाते थे। अब ब्रोकर का काम कई सारी वेबसाइट और मोबाइल ऐप्स करने लगे हैं और आप अपने घर पर बैठे-बैठे ही शेयर खरीद और बेच सकते हैं। शेयर मार्केट भी अलग-अलग होते हैं और उनमें कंपनियां अपना रजिस्ट्रेशन कराती हैं ताकि लोग उनके शेयर खरीद और बेच सकें। इसका काम देखने और उस पर नजर रखने के लिए सरकारें भी अपनी संस्थाएं बनाती हैं। जैसे कि भारत में स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) है।

 

भारत में कई शेयर मार्केट जैसे कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) हैं। इनकी स्थिति दिखाने के लिए जो सूचकांक बने हैं उन्हें सेंसेक्स (BSE के लिए) और निफ्टी (NSE के लिए) कहा जाता है। यानी अगर सेंसेक्स ऊपर जा रहा है तो इसका मतलब हुआ कि BSE के अंतर्गत आने वाली ज्यादातर कंपनियां फायदे में चल रही हैं और अगर यह नीचे जा रहा है तो कंपनियां घाटे में जा रही हैं।

 

एक रोचक बात यह है कि हर कंपनी को यह बताना होता है कि वह अपने कितने शेयर कितने रुपये में बेच रही है। अगर कोई एक ही शख्स किसी कंपनी के 51 प्रतिशत शेयर खरीद ले तो वह उसका मालिक भी बन जाता है, ऐसे में कंपनियां बहुत कम प्रतिशत शेयर को आम जनता के लिए मार्केट में रखती हैं। उदाहरण के लिए, एक कंपनी मार्केट में आती है और उसे एक करोड़ रुपये की जरूरत है। अब वह यह बताएगी कि उसके कुल कितने शेयर हैं। मान लीजिए उसने तय किया कि वह सिर्फ 10 पर्सेंट शेयर ही बेचेगी। ऐसे में उसे अपने इन 10 पर्सेंट शेयर बेचकर ही एक करोड़ रुपये जुटाने होंगे और इसी के हिसाब से उसके एक शेयर की कीमत भी तय होगी।

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