20 प्राइवेट कंपनियों ने दिया 80 फीसदी से कम अमाउंट
हम सभी हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं ताकि मुश्किल समय हमारे अस्पताल का खर्च बच सके या कहें कि हम प्राइवेट अस्पतालों के भारी खर्च को उठा सकें। हालांकि, इंश्योरेंस ब्रोकर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में कम से कम 20 हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऐसी रहीं जिन्होंने बीमित रोगियों द्वारा क्लेम किए गए अमाउंट का 80 प्रतिशत से कम रकम रीइम्बर्स किया। यानी कि यदि किसी व्यक्ति ने एक लाख रुपये का क्लेम किया तो उसे कंपनी द्वारा 80 हज़ार से कम रकम लौटाई गई, बाकी के 20 हजार से अधिक की राशि रोगी या उसके परिवार को अपनी जेब से भरना पड़ा।
न्यू इंडिया एश्योरेंस है सबसे ऊपर
गुरुवार को इंश्योरेंस ब्रोकर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) द्वारा रिलीज किए गए आंकड़ों के मुताबिक पैसा रीइम्बर्स करने के मामले में न्यू इंडिया एश्योरेंस सबसे ऊपर रहा।जो पैसा क्लेम किया गया और जो पैसा कंपनी द्वारा दिया गया उसमें 98.74 प्रतिशत के साथ न्यू इंडिया एश्योरेंस का स्थान सबसे ऊपर रहा। इसके बाद 97.35 प्रतिशत के साथ ओरिएंटल बैंक इंश्योरेंस का स्थान रहा।
IBAI डेटा के मुताबिक एचडीएफसी एर्गो द्वारा दिया गया पैसा क्लेम अमाउंट का 71.35 प्रतिशत और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड द्वारा दी गई धनराशि क्लेम किए गए अमाउंट का 63.98 प्रतिशत रहा।
क्लेम पेड रेशियो है कम
इस बीच, स्वास्थ्य बीमा कारोबार में शामिल 29 बीमा कंपनियों में से केवल चार बीमा कंपनियों का साल 2023 में क्लेम पेड रेशियो (जितनी धनराशि क्लेम की गई और जितने पैसे का भुगतान किया गया) 90 प्रतिशत से अधिक रहा।
आईबीएआई के आंकड़ों से पता चलता है कि दस बीमा कंपनियों ने 80 प्रतिशत से कम का क्लेम पेड रेशियो दिखाया है।
आईबीएआई के आंकड़ों से पता चलता है कि न्यू इंडिया एश्योरेंस 95.04 प्रतिशत के साथ क्लेम पेड रेशियो (क्लेम किए गए और रोगी को दिए गए) के साथ सबसे आगे है, इसके बाद आदित्य बिड़ला हेल्थ 94.52 प्रतिशत, इफ्को टोकियो 91.70 प्रतिशत और बजाज आलियांज 90.29 प्रतिशत का स्थान आता है।
75 फीसदी क्लेम का निपटान था कैशलेस
आईआरडीएआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 के दौरान, जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने 2.36 करोड़ हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम का निपटान किया और इसके लिए 70,930 करोड़ रुपये का भुगतान किया। हर क्लेम के लिए भुगतान की गई औसत राशि 30,087 रुपये थी। निपटाए गए क्लेम की संख्या के संदर्भ में, 75 प्रतिशत क्लेम का निपटान टीपीए के माध्यम से किया गया और शेष 25 प्रतिशत दावों का निपटान इन-हाउस तंत्र के माध्यम से किया गया।
IRDAI ने कहा कि अगर इन क्लेम्स के निपटान के तरीकों के बारे में बात करें तो कुल क्लेम में से 56 प्रतिशत का निपटान कैशलेस मोड के माध्यम से किया गया और अन्य 42 प्रतिशत का निपटान रीइम्बर्स मोड के माध्यम से किया गया। बीमा कंपनियों ने अपने क्लेम की राशि का दो प्रतिशत “कैशलेस और प्रतिपूर्ति मोड दोनों” के माध्यम से निपटाया है।