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करोड़ों में आउटलेट, महंगे टेंट, महाकुंभ में क्या सबसे ज्यादा बिक रहा?

महाकुंभ में रोजाना लगभग एक करोड़ लोग जा रहे हैं और ढेर सारी खरीद-बिक्री हो रही है। 45 दिनों में 2 लाख करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है।

Represetational Image । Photo Credit: PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI

यूपी के प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ मीडिया की सुर्खियों में छाया हुआ है। हाल ही में खबर आई कि वहां दुकानों या आउटलेट की गलत तरीके से दूसरों को बेचा जा रहा है।

 

महाकुंभ आस्था का विषय होने के साथ साथ आर्थिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्त्वपूर्ण है। अनुमान के मुताबिक 45 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में लगभग 40-45 करोड़ लोगों के महाकुंभ में जाने का अनुमान है, यानी कि रोजाना लगभग एक करोड़ लोग महाकुंभ में जा रहे हैं।

 

ज़ाहिर है अगर इतनी बड़ी संख्या में कहीं भी लोग जाएंगे तो वहां पर व्यापार के लिए विकल्प पैदा होंगे। सरकार ने इसके लिए करीब 7500 करोड़ रुपये का खर्च किया है लेकिन माना जा रहा है कि इसके जरिए लगभग दो लाख करोड़ रुपये का लाभ होगा साथ ही हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

क्या बिकता है सबसे ज्यादा

महाकुंभ में सामान्य पूजा सामग्री से लेकर होटल इत्यादि के क्षेत्र में काफी व्यापार हो रहा है। देशव्यापी व्यापारियों के निकाय कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इडिया ट्रेडर्स के मुताबिक अगर कीमत के हिसाब से बात करें तो सबसे ज्यादा खरीद-बिक्री श्रद्धालुओं द्वारा खरीदे जा रहे बेसिक आइटम के होने का अनुमान है। आंकड़े के मुताबिक इसके व्यापार का आंकड़ा 17,310 करोड़ रुपये है।

 

इसके बाद सबसे ज्यादा खरीद-बिक्री दूध एवं डेयरी प्रोडक्ट्स और ग्रॉसरी या राशन की होगी, जिसकी कीमत 4 हजार करोड़ रुपये होगी। तीसरा स्थान हॉस्पिटैलिटी यानी होटल, गेस्ट हाउस इत्यादि का होगा, जिसकी कीमत ढाई हजार करोड़ रुपये होगी। उसके बाद सर्वाधिक बिक्री सब्जियों की होने का अनुमान है जिसकी कुल कीमत 2 हजार करोड रुपये रहने का अनुमान है, फिर खाद्य तेलों का स्थान आता है जिसकी कीमत एक हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि हेलीकॉप्टर सर्विस देने वाले रोजाना साढ़े तीन करोड़ का बिजनेस कर रहे हैं।

करोड़ों का आउटलेट

रीजनल टूरिजम डिपार्टमेंट की अधिकारी अपराजिता सिंह ने कहा, 'होटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की तरफ फोकस है।' उन्होंने कहा कि इस साल 100 होमस्टे हमारे साथ रजिस्टर्ड हैं जो कि पिछले साल सिर्फ 15 थे। 

 

आरआर हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स मितेश और अश्विन अवस्थी ने बताया कि उन्होंने मेले में करीब 14 सेक्टर्स में फूड कोर्ट बनाने के लिए 12-13 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें से इनका सबसे महंगा आउटलेट सवा करोड़ रुपये का है जो कि नीलामी में काफी महंगी बोली लगाने पर उन्हें मिला।

 

उन्होंने कहा कि वे 7 करोड़ के एक टेंडर के लिए कोशिश कर रहे थे लेकिन अम्यूज़मेंट पार्क के एक वेंडर ने इसे 11 करोड़ रुपये में ले लिया।

हजारों रुपये टेंट का किराया

यूपी सरकार ने करीब एक लाख 60 हजार टेंट लगाए हैं जिनमें से 2200 टेंट काफी लग्जरी कैटेगरी के हैं। लग्जरी टेंट की कीमत काफी है सुपर डीलक्स टेंट और विला की कीमत 18 हज़ार रुपये से 22 हज़ार रुपये के बीच है। इनमें काफी सुविधाएं हैं जैसे प्राइवेट बाथरूप, ब्लोअर, वाई-फाई यहां तक कि वेटर की भी सुविधा है।

 

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के पास चार कैटेगरी के टेंट हैं- विला, महाराजा, स्विस कॉटेज और डॉरमिट्री।  इस कीमत एक रात के लिए 1500 रुपये से लेकर 35 हजार रुपये तक है।

 

रीवर बैंक पर टेंट के साथ मेला साइट पर तमाम होटल भी हैं जो कि एक रात का 10 हजार से 25 हजार रुपये तक चार्ज करते हैं।

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