दिवाली के शुभ अवसर पर पहली बार चांदी की बिक्री सोने से ज्यादा हुई। भारतीय आभूषण बाजार के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि धनतेरस पर चांदी की खरीदारी ज्यादा हुई है। दरअसल, सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आने के बाद उपभोक्ता मांग में कमी आई। सोने की कम खरीदारी होने की वजह से दुकानदार अब ग्राहकों को चांदी बेच रहे है।
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि इस साल चांदी की बिक्री में 30-35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले धनतेरस के मुकाबले कीमतें 40 फीसदी अधिक हैं।' यह पहली बार है कि चांदी की मांग सबसे अधिक बढ़ी हैं।
क्या है मुख्य वजह?
दरअसल, सोने की ऊंची कीमत ने कई खरीदारों को हतोत्साहित कर दिया है और इस वजह से वह सोने की बजाय चांदी खरीद रहे हैं। लोग अब यह समझ रहे हैं कि चांदी में निवेश करने का इस समय सही अवसर है।
इस साल चांदी के दामों में कितनी हुई वृद्धि?
बता दें कि इस साल धनतेरस के दौरान चांदी की मांग में 30-35% की वृद्धि हुई, जबकि सोने की बिक्री पिछले त्यौहारी सीजन के 42 टन की तुलना में 15% कम होकर लगभग 35-36 टन रही। हालांकि, पीली धातु की औसत कीमत में लगभग 30% की वृद्धि के कारण, बिक्री पिछले साल के लगभग 24,000-25,000 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 28,000 करोड़ रुपये हो गई है। भारत में सोने की मांग 2024 में 700 टन से 750 टन के बीच रह सकती है, जो 2020 के बाद सबसे कम है।
क्या रहा सोना-चांदी का दाम?
बता दें कि 30 अक्टूबर की सुबह सोना और चांदी की कीमतों में बढ़त देखने को मिली थी। सोना 79 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर पहुंचा। वहीं, चांदी का भाव 98 हजार प्रति किलो से अधिक था। सोने और चांदी दोनों ही इस समय महंगे हो गए हैं।